04-Sep-2023 04:58 PM
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बेंगलुरु, 04 सितंबर (संवाददाता) कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोमवार को कहा कि जिस आस्था का इंसानों से समान व्यवहार के साथ जुड़ाव न हो , उसे धर्म नहीं कहा जा सकता।
श्री खड़गे ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, “मेरे विचार में जिस आस्था के तहत मनुष्यों के साथ समान व्यवहार का अनुपालन नहीं हो , चाहे वह कोई भी धर्म हो लेकिन उसे धर्म नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मनुष्य के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए और धर्म को मनुष्य होने की गरिमा को बढ़ावा देना चाहिए ,अन्यथा वह एक बीमारी के समान है।”
श्री खड़गे ने ये टिप्पणी उस समय की जब उनसे सनातन धर्म के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि की टिप्पणियों पर जवाब देने के लिए कहा गया।
उदयनिधि ने कहा था कि सनातन मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसका न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।
एक्स पर भाजपा के अमित मालवीय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, “राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के वंशज सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं। कांग्रेस की इस पर चुप्पी जातिसंहार की बात समर्थन है। इंडिया गठबंधन, अपने प्रति सच्चा है अगर मौका मिला तो नाम, भारत की सहस्राब्दी पुरानी सभ्यता को नष्ट कर देगा।”
श्री मालवीय ने सवाल कि क्या मुंबई की बैठक में इसी बात पर सहमति बनी थी कि सनातन धर्म को खत्म किया जाए और भारत की 80 प्रतिशत आबादी का जातिसंहार किया जाए।
उल्लेखनीय है कि श्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल विरोध किया जाना चाहिए।
तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अन्नामलाई ने भी उदयनिधि को निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, “गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य जीडीपी से परे संपत्ति जमा करना है। उदयनिधि स्टालिन, आपने, आपके पिता, या उनकी या आपकी विचारधारा ने एक खरीदा है- ईसाई मिशनरियों का विचार और उन मिशनरियों का विचार अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए आप जैसे मूर्खों को विकसित करना था।...////...