06-Sep-2023 08:16 PM
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नयी दिल्ली, 06 सितंबर (संवाददाता) अफ्रीकी देश जाम्बिया ने वहां कोंकोला तांबा खान ('केसीएम') का स्वामित्व और प्रबंधन अरबपति उद्यमी अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड को वापस करने का फैसला लिया है।
कंपनी ने बुधवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि उच्च गुणवत्ता के ताम्र अयस्क की इस परियोजना में उसकी हिस्सेदारी 79 प्रतिशत से अधिक होगी।
वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, “ मैं केसीएम में वेदांता को बहाल करने के जाम्बिया सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। हम 2004 से केसीएम के लिए प्रतिबद्ध हैं और मानते हैं कि यह हमारे पोर्टफोलियो में यह एक बेशकीमती संपत्ति है। ”
श्री अग्रवाल ने इसके लिए वहां के राष्ट्रपति हाकैंडे हिचिलेमा के प्रति आभार व्यक्त किया है।
वेदांता की एक विज्ञप्ति के अनुसार केसीएम की विश्व स्तरीय संपत्तियों में 160 लाख टन खनिज तांबे का भंडार है। वहां खनिज तांबा का ग्रेड 2.3 प्रतिशत बताया गया है जो वैश्विक औसत 0.4 प्रतिशत की तुलना में बहुत अच्छा है।
वेदांता ने कहा कि जांबिया की यह परियोजना उसके ताबा कारोबार की आगे की रणनीति की रीढ़ बनेगी और यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने में लगी दुनिया की ऊर्जा परिवर्तन आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण है।
कंपनी ने कहा कि केसीएम में 79.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड का वापस आना इस दिशा में भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण है।
कंपनी ने कहा कि दुनिया में खनिज तांबे की मांग हर साल लगभग 25 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। भारत तांबा कन्संट्रेट के लिए 90 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। देश अपनी जरूरत का 40 फीसदी तैयार तांबा भी आयात करता है।
वेदांता ने कहा है कि इस परियोजना के साथ वह तांबे का पूर्ण रूप से एकीकृत उत्पादक बन जाएगी और इससे जाम्बिया भी तांबे का अग्रणी उत्पादकों में शामिल हो जाएगा।...////...