जनजातीय कोल समाज प्राचीन काल से ही अपनी वीरता एवं गंभीरता के लिए जाना जाता है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
10-Jun-2025 12:00 AM 875

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनजातीय समाज का समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास रहा है, समाज ने देश की स्वतंत्रता एवं विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जनजातीय कोल समाज प्राचीन काल से ही अपनी वीरता एवं गंभीरता के लिए जाना जाता है। जनजातीय समाज के अनेक नायकों ने अपना बलिदान देकर जल, जंगल, जमीन एवं अंग्रेजों से लड़कर देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में जहां कोल जनजाति के लोग निवासरत हैं और जिनके पट्टे नहीं बने हैं, जांच कराकर पट्टा देने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने क्रांतिकारी देशभक्त जनजातीय महानायक भगवान बिरसा मुण्डा की बिरसा मुण्डा मेडिकल कॉलेज शहडोल में प्रतिमा तथा बाणसागर जलाशय में बाणभट्ट की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समाज के बेटा, बेटियों की शिक्षा तथा कोचिंग का खर्च सरकार उठाएगी। प्रदेश के सभी संभागों में 24-24 करोड़ के लागत वाले 100-100 सीटर बालक एवं बालिका छात्रावास एवं परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ब्यौहारी में राज्य स्तरीय कोल जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 330 करोड़ रूपए लागत के 55 विकास कार्यों का लोकार्पण ओर 52 कार्यों का भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आज 11 वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश का मान एवं सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ा है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। देश का तेजी से विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के 4 मिशन गरीब, युवा,नारी एवं अन्नदाता के विकास के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि 4 करोड़ लोगों को पक्के आवास दिए गए हैं। जो लोग छूट गए हैं उनका भी सर्वे कर पक्के आवास देने का कार्य सरकार करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रक्षाबंधन में प्रदेश की लाडली बहनों को उपहार स्वरूप 250 रूपए सप्रेम दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातियों के विरूद्ध होने वाले झूठे प्रकरणों की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान बिरसा मुण्डा की जीवनी स्कूली पाठ्क्रम में शामिल करने तथा 13 जिलों में कन्या शिक्षा परिसरों का नाम माता शबरी के नाम पर रखने की घोषणा की।

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