मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनजाति समाज के क्रांतिकारियों का देश के अस्तित्व की रक्षा में अहम योगदान रहा है। समाज के क्रांतिकारियों और महापुरूषों के व्यक्तित्व और कृतित्व को समाज में स्थापित किया जा रहा है। क्रांतिकारी टंट्या मामा की स्मृति में इंदौर संभाग में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। जनजाति समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है इसके विकास के लिए कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर में जनजाति समाज की गतिविधियों के लिए जमीन उपलब्ध कराने और निर्मित की जा रही धर्मशाला के लिए 5 करोड़ रुपए दिये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर में आयोजित भिलाला समाज समागम एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ईमानदारी, कर्मठता, लगनशीलता एवं परिश्रम जनजाति समाज की विशेष पहचान है। इसी पहचान से समाज में अपना अलग स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज ने अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं परंपराओं को सहज के रखा है। इस समाज ने "जो प्राप्त है उसी को पर्याप्त" मानकर आनंद से जीवन जीने की शैली अपनायी है। यह समाज कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है। भोलापन भी इस समाज की विशेष पहचान रही है। उन्होंने कहा कि वे इस भोलापन को कमजोरी नहीं बनने दें और किसी भी दुष्चक्र में नहीं आये। कुरीतियों से दूर रहें। अपनी सांस्कृतिक, विरासत और परम्परा को सहज कर रखें। बदलते दौर में इन्हें सुरक्षित जरूर रखें। जो समाज अपनी विरासत, परम्परा और संस्कृति से दूर होता है, वह कमजोर बन जाता है। जड़ों से जुड़े रहें, एक दूसरे को साथ लेकर आगे बढें। आगे बढ़ने के लिए राज्य शासन द्वारा उन्हें हर संभव मदद दी जायेगी।