राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ज्ञानवान होना ही पर्याप्त नहीं है, ज्ञान को आचरण में उतारना भी जरूरी है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान कवि, लेखक और राष्ट्रभक्त की स्मृति में स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का दायित्व है कि वह देश, समाज, समुदाय,परिवार और वंचितों के प्रति संवेदनशील रहें। राज्यपाल श्री पटेल शनिवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर हॉल में आयोजित अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में उपस्थित अतिथियों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भावी जीवन में कैरियर की सफलताओं में माता-पिता, गुरूजन और समाज के जरूरतमंद पीछे नहीं छूटने चाहिए। पालकों के संघर्ष के पलों, समाज के सबसे पिछड़े, गरीब व्यक्ति के आपकी शिक्षा-दीक्षा में प्रत्यक्ष और परोक्ष सहयोग को सदैव याद रखें। दीक्षांत शपथ के दस्तावेज को सम्भाल कर रखें। प्रतिदिन उसे दोहराएं और उसके अनुसार आचरण करें। आस-पास के वंचितों की जरूरतों की जानकारी लें। उनको पूरा करने का यथा संभव प्रयास करें। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि हर व्यक्ति में अपार क्षमता है आवश्यकता अपनी शक्तियों को जगाने की है। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने और समाज एवं राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए शुभकामनांए दी।