इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जिले में कृषि के साथ उद्यानिकी फसलों के लिए भी उपयुक्त वातावरण उपलब्ध है। वर्तमान में जिले में आम, लीची, नाशपाती के साथ चाय, टाऊ, कटहल जैसी फसलों का भी बहुतायत में उत्पादन हो रहा है। ऐसे में किसानों के पास बाजारों के विकल्प के ना होने से उन्हें औने पौने दामों में अपनी फसलों को बिचौलियों को बेचना पड़ता था, अब क्यू आर कोड के माध्यम से सीधे उपार्जकों तक पहुंच एवं बेचने की व्यवस्था होने से जिले के किसान देश के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को अपनी फसल को बेच सकेंगे, जिससे किसानों को अनावश्यक बिचौलियों, कोचियों जैसे लोगों से छुटकारा मिलेगा और उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त होगा। कॉल सेंटर से किसानों को विशेषज्ञों द्वारा किसी भी समस्या पर सहायता प्राप्त होगी। इन दोनों पहलों से कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा और किसानों को उचित मूल्य मिलने से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि एनडीडीबी के साथ मिलकर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 06 जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत उत्तम किस्म के दुधारू पशुओं के वितरण के साथ ग्रामीणों को पशुपालन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।