12-Jul-2023 06:32 PM
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नयी दिल्ली/ हम्पी, 12 जुलाई (संवाददाता) भारत की जी-20 अध्यक्षता में इस फोरम के संस्कृति कार्य समूह की तीसरी बैठक बुधवार को कर्नाटक के हम्पी में संपन्न हुई जिसमें पिछली दो बैठकों में विचार-विमर्श के बाद की गई सिफारिशों पर आम सहमति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार सोमवार को शुरु हुई इस बैठक के आखिरी सत्र में जी-20 संस्कृति मंत्रियों की आगामी बैठक के बारे में नयी सूचनाओं और घटनाक्रमों से जुड़ी चर्चा के साथ संपन्न हुआ। जी20 के संस्कृति मंत्रियों की अगली बैठक 26 अगस्त को वाराणसी में होगी।
संस्कृति मंत्रालय की ओर से आज जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत सांस्कृतिक कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) संस्कृति को नीति-निर्माण के केंद्र में रखने का प्रयास करता है। बयान के अनुसार संस्कृति कार्य समूह की तीसरी बैठक में क्रमशः खजुराहो और भुवनेश्वर में आयोजित की गई “पिछली दो बैठकों के आधार पर की गयी गई सिफारिशों पर आम सहमति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।”
हम्पी बैठक में आए जी-20 प्रतिनिधियों ने आज हम्पी में हजारा राम मंदिर में एक योग सत्र में भी भाग लिया। कल, सांस्कृतिक भावपूर्ण अनुभव के हिस्से के रूप में, हम्पी के ऐतिहासिक क्वींस बाथ में वृक्षारोपण किया गया। प्रतिनिधियों ने रॉयल एनक्लोजर का भी दौरा करते हुए इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत और वास्तुशिल्प उत्कृष्टताओं की सराहना की। दौरे के बाद, प्रतिनिधि विरुपाक्ष मंदिर के सामने स्थित येदुरु बसवन्ना परिसर भी गए। वहां कौशल्या रेड्डी द्वारा कोरियोग्राफ किए गए गुरु राधा और राजा रेड्डी की मंडली द्वारा दक्षिण भारत की चार अलग-अलग नृत्य शैलियों अर्थात् तमिलनाडु से भरतनाट्यम, केरल से मोहिनीअट्टम, आंध्र प्रदेश से कुचिपुड़ी और ओडिशा से ओडिसी शैलियों का प्रदर्शन किया गया।
इससे पहले 10 जुलाई को कर्नाटक के हम्पी में जी-20 की सीडब्ल्यूजी की तीसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को केंद्रीय संसदीय कार्य और कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संबोधित किया था। पहले दिन दस जुलाई की शाम को, प्रतिनिधियों को विजया विट्टला मंदिर, रॉयल एनक्लोजर और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हम्पी समूह के स्मारकों के येदुरु बसवन्ना परिसर जैसे विरासत स्थलों के भ्रमण पर ले जाया गया। प्रतिनिधियों को तुंगभद्रा नदी पर कोरेकल की सवारी भी कराई गई।
प्रतिनिधियों ने प्रसिद्ध संगीतकार विक्कू विनायकराम के ताल वादन का आनंद लिया। प्रतिनिधियों के लिए 30 मिनट की परस्पर संवादात्मक प्रस्तुति में भरतनाट्यम नर्तकियों ने विजया विट्ठल मंदिर परिसर के खंडहरों की पृष्ठभूमि में शानदार मूर्तिकला की प्रस्तुत की, जिस के माध्यम से विजयनगर साम्राज्य की जीवंत महिमा को दर्शाया गया।...////...