जी20 के एफएमसीबीजी की बैठक का अध्यक्षीय सारांश और परिणामी दस्तावेज जारी
26-Feb-2023 08:38 AM 2768
बेंगलुरु 25 फरवरी (संवाददाता) जी20 के वित्त मत्रियों एवं केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की पहली बैठक और वित्त एवं केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की दूसरी बैठक 22-25 फरवरी, 2023 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की गई। जी20 के एफएमसीबीजी का अध्यक्षीय सारांश और परिणामी दस्तावेज भारत की अध्यक्षता में जी20 देशों की वैश्विक ऋण संकट, एमडीबी सुधारों, जलवायु वित्त, क्रिप्टो के संदर्भ में वैश्विक दृष्टिकोण, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, वित्तीय समावेशन, भविष्य के शहरों के वित्तपोषण और कराधान से संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की संयुक्त अध्यक्षता में यह जी 20 एफएमसीबीजी की पहली बैठक आज संपन्न हुयी। इसके बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से चर्चा में अध्यक्षीय सारांश और परिणामी दस्तावेज जारी किया। इस संयुक्त बयान में यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया गया है, जिसका रूस और चीन ने विरोध कर दिया। इसमें कहा गया है कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने में भूमिका निभाता है ऐसे में बैठक यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई घोषणा नहीं की जा सकती। हालांकि दोनों देशों छोड़कर सभी सदस्य देशों ने पिछले साल 15-16 नवंबर को बाली में हुई जी-20 की बैठक के बाद की गई घोषणा पर सहमति जताई है। इसमें बाली डायलॉग को भी शामिल किया गया जिसमें यह तय हुआ था कि सभी सदस्य देशों की सहमति के बाद ही संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। जब यह जारी हुआ तो उसके तीसरे और चौथे फैराग्राफ में 'यूक्रेन युद्ध' का जिक्र होने के कारण रूस और चीन ने आपत्ति दर्ज करा दी। हालांकि इसके बाद भी लिखित बयान जारी किया गया लेकिन बयान के नोट में यह स्पष्ट भी कर दिया गया कि दस्तावेज के तीसरे और चौथे पैराग्राफ को पिछले साल बाली में हुई जी20 शिखर सम्मेलन की घोषणा से लिया गया है, जिस पर रूस और चीन को छोड़कर सभी देश सहमत हैं। नोट में लिखा गया कि जी20 सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने का मंच नहीं है लेकिन सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ता है। संयुक्त बयान में कहा गया कि फरवरी 2022 के बाद से यूक्रेन में युद्ध को वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हुये देखा गया है। इससे पहले संयुक्त बयान में कहा गया कि हम जी-20 देशों के वित्त मत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स ने 24-25 फरवरी को भारतीय अध्यक्षता में एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम के साथ बैठक की। हम अंतरराष्ट्रीय नीति सहयोग बढ़ाने और मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास हासिल करने की दिशा में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम श्रीलंका की ऋण स्थिति के तत्काल समाधान की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा निम्न और मध्य आय वाले देशों में ऋण की कमजोरियों को दूर करने की तात्कालिकता को समझते हैं। गत छह फरवरी को तुर्की और सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि इससे दक्षिण पूर्व तुर्की में जीवन और विनाश के नुकसान से बहुत दुखी है और तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता में खड़े हैं। हम दो बार विनाशकारी भूकंप से प्रभावित हुए सीरिया के लोगों के प्रति भी सहानुभूति रखते हैं। हम पहले से प्रदान की जा रही मानवीय सहायता का मूल्यांकन करने और सदस्यों और बहुपक्षीय संस्थानों से अर्थव्यवस्था और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना जारी रखने का आह्वान करते हैं।...////...
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