08-Jun-2025 10:44 PM
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हुबली, 8 जून (संवाददाता) केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हाल ही में एक लेख में चुनाव आयोग पर आरोप लगाने के लिए हमला बोला, जिसमें उन्होंने टिप्पणी को बेतुका और निराधार बताया तथा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर हताशा में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया।
श्री गांधी ने इस सप्ताह प्रकाशित एक लेख में आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनाव न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष होंगे, उन्होंने संस्थागत कब्जे और चुनाव आयोग का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का त्याग किया है।
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपने पक्ष में परिणामों में हेरफेर करने के लिए धन, मीडिया और राज्य शक्ति का उपयोग करने का भी आरोप लगाया।
इन आरोपों का जवाब देते हुए श्रभ् जोशी ने हुबली में संवाददाताओं से कहा “ वह अब सवाल क्यों उठा रहे हैं? चुनाव आयोग ने चुनाव होने के समय ही आवश्यक स्पष्टीकरण दे दिया था - कौन जीता, कौन हारा और किन निर्वाचन क्षेत्रों में।”
चुनाव प्रक्रिया से समझौता किए जाने के गांधी के सुझाव को दृढ़ता से खारिज करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता ने विपक्ष शासित राज्यों में चुनाव परिणामों को चुनाव आयोग की निष्पक्षता के प्रमाण के रूप में बताया।
श्री जोशी ने टिप्पणी की “यदि इस तरह की हेराफेरी दूर-दूर तक संभव थी, तो यह झारखंड में भी की जा सकती थी।मैंने पहले भी कहा है - कर्नाटक चुनावों के दौरान, भाजपा बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में राज्य में सत्ता में थी, और हम केंद्र में भी सरकार में थे। अनुकूल माहौल बनाने के बावजूद, हम तीसरा कार्यकाल हासिल नहीं कर सके। इसलिए, राहुल गांधी को इस तरह के निरर्थक बयान देने से बचना चाहिए। ”
श्री जोशी ने आगे कहा कि संवैधानिक निकायों पर बार-बार संदेह जताना एक ऐसी रणनीति है जिसका इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी अक्सर तब करती है जब वह जनादेश हासिल करने में विफल रहती है।
उन्होंने कहा “ इस तरह के दावे न केवल चुनाव अधिकारियों की कड़ी मेहनत और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता का अपमान करते हैं, बल्कि राहुल गांधी की जनता के फैसले को ईमानदारी से स्वीकार करने में असमर्थता को भी दर्शाते हैं।”
भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और पक्षपातपूर्ण मीडिया के कांग्रेस के आरोपों को चुनावी हार को सही ठहराने के लिए “बहाने” के रूप में खारिज कर दिया है, जबकि इस बात पर जोर दिया है कि यह जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एनडीए में लोगों के भरोसे का प्रतिबिंब है।...////...