कॉर्पोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार एमएसपी पर नहीं बना रही कानून : दानिश
19-Jul-2022 08:40 PM 5457
नयी दिल्ली 19 जुलाई (AGENCY) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद कुंवर दानिश अली ने आरोप लगाया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बनाकर अपने कॉर्पोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहती है। श्री अली ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को दिसंबर, 2021 के दौरान किसानों को एमएसपी हेतु कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि उपर्युक्त समिति के गठन हेतु संयुक्त किसान मोर्चा को आश्वस्त की गई समय-सीमा तथा किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी प्रदान करने हेतु समिति गठित करने के लिए किए गए प्रयासों का तारीख-वार ब्यौरा क्या है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए फसल पैटर्न में बदलाव करने के लिए समिति का गठन करने का आश्वासन दिया था। इसके मुताबिक़ एक समिति गठित की गई है जिसमें किसानों, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, कृषि अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक, आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के विचारों और अन्य प्रासंगिक कारकों पर विचार करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग(सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अधिदेशित कृषि फसलों हेतु एमएसपी और गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) निर्धारित करती है। 22 अनिवार्य फसलों में 14 खरीफ फसलें धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, नाइजरसीड, कपास और 6 रबी फसलें, गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड और सरसों, कुसुम और दो व्यावसायिक फसलें; जूट और खोपरा शामिल हैं। इसके अलावा, तोरिया और छिलका रहित नारियल के लिए एमएसपी भी क्रमशः रेपसीड/सरसों और खोपरा के एमएसपी के आधार पर निर्धारित किया जाता है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018-19 से उत्पादन की अखिल भारतीय भारतीय औसत लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ सभी अधिदेशित खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है। बसपा सांसद ने कहा कि सरकार एमएसपी पर कोई कानून नहीं बनाना चाहती है और ऐसा कर के सरकार अपने कॉर्पोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही वह अपने प्रश्न के उत्तर के लिए खड़े हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। श्री अली ने कहा कि सरकार किसानों के मांगों पर कोइ उत्तर नहीं देना चाहती है जिस के डर से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। उन्होंने कहा कि मेरे प्रश्न के लिखित उत्तर में दिए गए वक्तव्य से साफ़ जाहिर होता है कि सरकार किसानों के प्रति कितनी उदासीन है। सरकार एमएसपी पर कोई कानून बनाना नहीं चाहती है और ऐसा कर के सरकार अपने कॉर्पोरेट मित्रों को फायदा पहुँचाना चाहती है।...////...
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