कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के तरीके खोजने की जरूरत : मोदी
29-Apr-2022 10:15 PM 3538
सूरत 29 अप्रैल (AGENCY) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हमें कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के तरीके खोजने की जरूरत है। इस तरह के प्रयासों से खाद्य तेल के आयात को कम करने में मदद मिल सकती है। श्री मोदी ने गुजरात के सूरत में पाटीदार समाज की संस्था सरदारधाम की ओर से आयोजित वैश्विक पाटीदार व्यापार सम्मेलन (जीपीबीएस) का आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्धाटन कर गुजराती में उन्होंने पाटीदार समुदाय से राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर काम करने और विभिन्न विचारों, वैश्विक स्तर की अच्छी कार्यप्रणाली एवं सरकारी नीतियों को संकलित व उनका विश्लेषण करने के लिए अनुभवी एवं युवा सदस्यों के समूह बनाने को कहा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सरकार और शिक्षा जगत को उपयुक्त उपाय सुझाने के लिए फिनटेक, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन आदि विषयों को लिया जा सकता है। इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र कार्यान्वयन के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीके की खोज की जा सकती है और हर स्तर पर उपयोगी उपाय सुझाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों से कृषि के आधुनिकीकरण और कृषि में निवेश लाने के तरीकों का पता लगाने के लिए भी कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि के नए तरीकों और नई फसलों के बारे में सुझाव देने के उद्देश्य से गुजरात की भूमि का अध्ययन करने के लिए टीमें गठित की जा सकती हैं। उन्होंने कुछ दशक पहले गुजरात में डेयरी आंदोलन की अवधारणा को अपनाए जाने का उदाहरण दिया जिसने गुजरात के किसानों के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमें कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के तरीके खोजने की जरूरत है। इस तरह के प्रयासों से खाद्य तेल के आयात को कम करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की व्यापक संभावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से उभरते हुए एफपीओ की ओर देखने के लिए भी कहा क्योंकि इन संगठनों के उभार के साथ कई अवसर भी खुल रहे हैं। प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में काम करने को भी कहा। खेतों में अतिरिक्त जगहों का उपयोग सौर पैनल के लिए करने की संभावनाओं पर जोर दिया। लोगों से हाल ही में शुरू किए गए अमृत सरोवर अभियान में योगदान देने के लिए कहा। हाल ही में आयोजित आयुर्वेद शिखर सम्मेलन के बारे में बात करते हुए कहा कि हर्बल और आयुष क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशा जा सकता है। श्री मोदी ने वित्तीय साम्राज्यों के प्रति एक नया दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योगों के बड़े शहरों के बजाय छोटे शहरों में स्थापित करने का निर्णय लिया सकता है। उन्होंने ज्योतिग्राम योजना का उदाहरण दिया जिसने गांवों में औद्योगिक गतिविधियों को गति दी। उन्होंने कहा कि अब ऐसा काम छोटे शहरों और कस्बों के लिए भी किया जा सकता है। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, कई केन्द्रीय मंत्री और उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियां मौजूद थीं। उल्लेखनीय है कि पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से सरदारधाम ‘मिशन 2026’ के तहत ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट (जीपीबीएस) का आयोजन कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन हर दो साल में आयोजित किया जाता है। पहले दो शिखर सम्मेलन 2018 और 2020 में गांधीनगर में आयोजित किए गए थे और अब वर्तमान शिखर सम्मेलन सूरत में हो रहा है। जीपीबीएस 2022 का मुख्य विषय “आत्मनिर्भर समुदाय से आत्मनिर्भर गुजरात एवं भारत” है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पाटीदार समुदाय के भीतर के छोटे, मध्यम और बड़े उद्यमों को एक साथ लाना, नए उद्यमियों को प्रोत्साहित व समर्थन करना और शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण तथा रोजगार संबंधी सहायता प्रदान करना है। आज यानी 29 अप्रैल से लेकर एक मई तक चलने वाले इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में सरकारी औद्योगिक नीति, एमएसएमई, स्टार्ट-अप, नवाचार से संबंधित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।...////...
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