मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहा है। नीति आयोग के अनुसार मध्यप्रदेश, देश में सबसे तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य है। आने वाले समय में प्रगति की गति और तेज होने वाली है। राज्य सरकार कृषकों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। अब किसान सौर ऊर्जा से स्वयं बिजली बनाएंगे और पम्प चलाएंगे। उनके द्वारा अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली पैदा करने पर राज्य सरकार किसानों से बिजली खरीदेगी और उसका भुगतान भी करेगी। किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। पांच, तीन, दो हार्स पॉवर तक के सौर पम्प के लिए मात्र 10 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष राशि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से किसानों को बिजली के बिल से मुक्ति मिलेगी। तीन साल में 32 लाख सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। किसान, कृषि पम्प चलाने, घर में बिजली के उपयोग या अन्य प्रयोजनों के लिए अपनी बिजली स्वयं बना सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सीतामऊ (मंदसौर) में कृषि उद्योग समागम : 2025 को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंदसौर, नीमच क्षेत्र के किसानों द्वारा ली जा रही विविधतापूर्ण उपजों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसे प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ही सीतामऊ में उन्नत कृषि पर केन्द्रित यह आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेशी तकनीक से लेकर स्थानीय जुगाड़ तक को प्रोत्साहित करते हुए खेती को फायदेमंद बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हम उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं, इसीलिए कृषि उत्पादों के उचित मूल्य, लंबे समय तक संधारण और स्थानीय स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराकर किसानों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं। मध्यप्रदेश में संतरा, केला सहित कई महत्वपूर्ण उत्पाद बड़ी मात्रा में होते हैं। इनकी ब्रांडिंग भी हमारे प्रदेश के नाम पर हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी किसानों को उन्नत कृषि अपनाने और बागवानी, फलोद्यान, प्रसंस्करण सहित कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियां अपनाते हुए सम्पन्न बनने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का संकल्प दिलाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नरवाई जलाने की जानकारी सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। गेहूं की फसल के बाद बचे अवशेष में आग लगाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से नरवाई जलाने से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के निराकरण के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है और उन पर अनुदान की व्यवस्था भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ों परियोजना से उज्जैन संभाग के सभी किसानों की जिन्दगी बदलेगी। हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुँचेगा।