कश्मीरी पंडित हत्या मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र
20-Jan-2024 07:08 PM 7635
श्रीनगर 20 जनवरी (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने पिछले वर्ष फरवरी में कश्मीरी पंडित की हत्या के मामले में तीन मृत आतंकवादियों सहित 12 लोगों के खिलाफ शनिवार को पुलवामा में विशेष नामित अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। एटीएम गार्ड के रूप में काम करने वाले कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की पिछले वर्ष 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अचन इलाके में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। शर्मा की हत्या के मामले की शुरुआत में पुलवामा पुलिस ने जांच की थी और बाद में इसे विशेष जांच के लिए एसआईए कश्मीर को स्थानांतरित कर दिया गया था। एक साल से भी कम समय में एसआईए ने मामले की जांच पूरी कर आरोपपत्र दाखिल कर दिया। एसआईए ने कहा कि मामले की जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्ति सीमा पार आतंकी आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे थे। हत्या के मामले में पुलवामा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम के तहत विशेष नामित अदालत के समक्ष 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। हेफ-शिरमल शोपियां के जाजिम फारूक वानी उर्फ ​​​​अबरार, पाकिस्तान में स्थित कोड नाम खालिद, अनंतनाग के जफर हुसैन भट उर्फ ​​खुर्शीद कश्मीरी, वेंटेंग मोहल्ले, बिजबेहरा अनंतनाग के नासिर फारूक शाह, आशाजीपोरा, अनंतनाग के आमिर हुसैन वानी, शमीम अहमद भट उर्फ ​​अंकल हेफ-शिरमल, शोपियां, जब्लीपोरा बिजबेहारा, अनंतनाग के तौसीफ अहमद पंडित, गोरीवान, बिजबेहरा अनंतनाग के सज्जाद अहमद भट उर्फ ​​अफनान भट्ट, रेशीपोरा कैमोह, कुलगाम के सरजील अहमद भट, चकूरा, शोपियां के दानिश अहमद ठोकर, चकूरा, शोपियां के उबैद अहमद पद्दार और धोबी-गथ बिजबेहरा, अनंतनाग के साहिल बशीर डार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। एसआईए ने कहा कि 12 में से तीन आतंकवादी जाजिम वानी, दानिश थोकर और उबैद पद्दार अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। एसआईए ने कहा कि ट्रिगर खींचने वाले जाजिम वानी को खालिद कामरान नाम के पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर नासिर शाह से हथियार चलाने का प्रशिक्षण मिला था। एसआईए ने कहा,“तीन किशोरों सहित आठ आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। पाकिस्तान में रहने वाले दो आरोपी जफर भट और खालिद वर्तमान में फरार हैं।” एसआईए ने कहा कि मामले की जांच के दौरान यासिर शब्बीर नामक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया था और उस पर मामले में आरोप नहीं लगाया गया है। एसआईए ने हालांकि, कहा कि यासिर के खिलाफ जांच जारी है। एसआईए ने कहा कि जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्ति एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचार बनाए रखते हुए सीमा पार आतंकी आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहे थे। जांच का मामला अपने हाथ में लेने के बाद एसआईए को सीमा पार से शुरू हुई एक व्यापक साजिश का पता चला। एसआईए ने कहा,“इस हत्याकांड को अंजाम देने का उद्देश्य घाटी में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के पुनरुद्धार को बाधित करना था। साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या का उपयोग सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और आतंकवाद को बनाए रखने के लिए किया गया था।” मामले को अपने हाथ में लेने के बाद, एसआईए कश्मीर ने पूरे दक्षिण कश्मीर में व्यापक तलाशी ली जिसमें महत्वपूर्ण भौतिक और तकनीकी सबूत मिले। इस साक्ष्य ने आरोपी लोगों की अपराध में संलिप्तता को उजागर किया जिसमें साजोसामान सहायता प्रदान करना, आरोपियों को शरण देना और सबूत छिपाना शामिल था। एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान एसआईए ने घाटी में 32 स्थानों पर पांच दौर की व्यापक तलाशी ली जिसके दौरान मोबाइल उपकरणों के आकार में साक्ष्य और आपत्तिजनक दस्तावेज जैसे बैंक दस्तावेज और एक पिस्तौल पत्रिका और जिंदा कारतूस जब्त किए गए।...////...
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