14-Dec-2023 04:56 PM
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नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (थोक) थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति खाद्य और विनिर्मित वर्ग की विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते नवंबर,2023 में बढ़ कर 0.26 प्रतिशत रही। यह लगातार सात महीने से शून्य के नीचे थी।
थोक मुद्रास्फीति लम्बे समय बाद शून्य से ऊपर आयी है। इसका अर्थ है कि बाजार में थोक कीमतों में एक साल पहले की तुलना में वृद्धि हुई है।
अक्टूबर,23 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 0.52 प्रतिशत और पिछले वर्ष नवंबर में 6.12 प्रतिशत थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार सभी वर्ग की वस्तुओं संबंधी थोक मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष 2011-12=100) इस वर्ष नवंबर में 152.9 अंक रहा जो एक माह पूर्व 152.1 अंक था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में प्रथमिक वस्तुओं की कीमतों में सालाना आधार पर 4.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जबकि ईंधन और बिजली का थोक मूल्य स्तर 4.61 प्रतिशत नीचे रहा और विनिर्मित उत्पादों की कीमतें 0.64 प्रतिशत नीचे रहीं।
एक माह पहले ईंधन-और बिजली वर्ग में सामान्य कीमत स्तर एक साल पहले की तुलना में 2.47 प्रतिशत नीचे और विनिर्मित उत्पादों का कीमत स्तर 1.13 प्रतिशत नीचे है। आंकड़े दर्शाते हैं कि इन तीनों ही श्रेणियों में थोक कीमतों में नवंबर में तेजी आयी है।
दो दिन पहले आए खुदरा मूल्य सूचकांक के अनुसार नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो अक्टूबर में 4.8 प्रतिशत थी।
थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार नवंबर,23 में खाद्य वस्तुओं की कीमतें सालाना आधार पर 8.18 प्रतिशत ऊंची थी। इनमें अनाजों की मुद्रास्फीति 7.12 प्रतिशत ऊंची रही।
नवंबर में चावल का थोक भाव एक साल पहले से 10.44 प्रतिशत , दालें 21.64 प्रतिशत , प्याज के भाव 101.24 प्रतिशत ऊंचे चल रहे हैं। आलू का थोक मूल्य नवंबर,22 की तुलना में 27.22 प्रतिशत नीचे है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति नीति निर्धारण में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर ध्यान देती है। उसके समाने खुदरा मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत की सीमा में रखने का लक्ष्य है। रिजर्व बैंक पिछली कुछ द्वैमासिक समीक्षाओं में नीतिगत ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत के स्तर पर अपरिवर्तित रखा है।...////...