06-Jan-2022 09:29 PM
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रवीन्द्र देवलियाल
नैनीताल, 06 जनवरी (AGENCY) उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए खनन को लेकर जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार, खनन महानिदेशक, जिला खनन अधिकारी को नोटिस जारी कर 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है।
मामले को नैनीताल निवासी सतेंद्र कुमार तोमर की ओर से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने 28 अक्टूबर, 2021 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य में समतलीकरण के नाम पर बिना निविदा जारी किए खनन के पट्टे आवंटित करने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार का यह कदम गलत व असंवैधानिक है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में केन्द्र सरकार की अनुमति भी नहीं ली गयी है। खनन मामलों में केन्द्र सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है। नयी अधिसूचना के बहाने सरकार समतलीकरण के नाम पर निजी लोगों को खनन पट्टे आवंटित कर रही है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया की जरूरत भी नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से जारी अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की गयी।
अंत में मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने अधिसूचना पर रोक लगाते हुए सभी पक्षकारों से जवाब पेश करने को कहा है।...////...