खेलों को बढावा देने के लिए हो अधिक वैश्विक आयोजन : कांग्रेस
31-Mar-2022 07:18 PM 1353
नयी दिल्ली, 31 मार्च (AGENCY) कांग्रेस ने कहा कि सरकार को देश में अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन करना चाहिए ताकि देश में विभिन्न खेलों और खिलाड़ियों को बढावा मिल सके। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने 'भारत में खेलकूद को बढावा देने की आवश्यकता और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदम' की नियम 193 के तहत चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा खेलों को बढावा देने के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई है उसका क्या परिणाम निकला उसके बारे में सदन को अवश्य बताना चाहिए। खेल और युवाओं को लेकर सरकार ने जो संकल्प लिया है वह बताना चाहिए। खेल के कई फेडरेशन हैं जो पेशेवर तरीके से नहीं चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शूटिंग में जिस प्रकार हमारा होना चाहिए वह नहीं हो रहा है इस पर सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में कुछ राज्य सकार ने अच्छा काम किया है। ओडिशा सरकार ने हॉकी को लेकर बेहतर काम किया है। राज्य सरकारों को प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि अपने राज्य में राष्ट्रीय खेल का आयोजन कर खेलों को बढावा देने में मददगार साबित हो सके। संकट के समय खिलाड़ियों को सरकार को मदद करना चाहिए। महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के मामले में सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए क्योंकि आजकल महिलाएं बहुत मेडल लेकर आ रही है। बीजू जनता दल के अनुभव मोहंती ने कहा कि खेल वर्तमान समय की जरूरत है। खेल के क्षेत्र में सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि फिट इंडिया और खेलो इंडिया ने लोगों को खेल की तरफ सकारात्मक बदलाव लाया है। आज के दौर में सभी लोग फिट रहना चाहते हैं यह भारतीय संस्कृति में बदलाव आया है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बड़े शहरों से लेकर छोटे शहर और कस्बों में बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बाॅडी बिल्डर्स की ओर से जिस प्रकार के प्रतिबंधिक शक्तिवर्धक दवाओं का इस्तमाल किया जा रहा उससे उसके शरीर पर नकारात्म प्रभाव पड़ रहे हैं। इसके खिलाफ नियम कायदे में कमियों की वजह से प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग बढ़ गया है जो गंभीर है। इस मामले में सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए। भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि 2014 से पहले एक कहावत थी कि “ पढोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे हो होगे खराब” लेकिन अब यह कहावत बदल गयी है। इसे बदलने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया यानी अब है “ खेलोगे कूदोगो तो बनोगे लाजवाब ”। प्रधानमंत्री ने देश में खेलों को लेकर माहौल बदलने का प्रयास किया। पूरे देश के अंदर लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार खिलाड़ियों के ओलंपिक में जाने और वापस आने के बाद जिस प्रकार हौसला बढ़ाया और लगातार उनके साथ जुड़े रहे यह पहली बार हो रहा है। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने खेल और खिलाड़ियों के प्रति ऐसी रूचि नहीं दिखाई। हर साल एक हजार खिलाड़ी चुने जाते हैं उन्हें पांच साल तक स्कॉलरशिप दी जाती है। अब सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं समेत पॉकेट खर्च भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इनाम की राशि भी बढाने का काम किया है। खेल के हर क्षेत्र में बदलाव आया है। पहले खिलाड़ियों को दोयम दर्जे के रूप में गिना जाता था लेकिन अब वह सर्वश्रेष्ठ दर्जे में गिने जाते हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी ने कहा कि खेलों में राजनीति बिल्कुल नहीं होना चाहिए। वह पहले फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो संसद बने हैं इसका श्रेय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जाता है।...////...
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