किसी भी पद के कार्यकाल की लम्बी अवधि नहीं, उसकी सार्थकता ज्यादा महत्वपूर्ण - शिवराज
24-Mar-2022 09:35 PM 6053
भोपाल, 24 मार्च (AGENCY) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी पद के कार्यकाल लंबी अवधि नहीं उसकी सार्थकता अधिक महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्रित्व की चौथी पारी के दो वर्ष पूर्ण होने पर आज रविंद्र सभागम में उनका नागरिक अभिनंदन किया गया और राज्य शासन द्वारा गत दो वर्ष में विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का सेक्टरवार विवरण दिया। इस मौके पर श्री चौहान ने कई नवीन कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की। उन्हाेंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के किसी पद पर कार्यकाल को कितने वर्ष हो गए, उससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि ये कार्यकाल कितना सार्थक रहा। उन्होंने कहा कि मैंने कुशाभाऊ ठाकरे जैसे लोक कल्याणकारी सोच के जन नेता के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनसहयोग से जनकल्याण के कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी पूरी की है। श्री चौहान ने बताया कि उनके प्रथम बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में डकैतों का आतंक और असामाजिक तत्व का बोलबाला समाप्त करने की थी। पूर्व में राजनीतिक संरक्षण की वजह से असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही नहीं होती थी। आज प्रदेश में कोई बड़ा सूचीबद्ध गिरोह नहीं है। अनेक डकैतों के खातमे के बाद सिमी का नेटवर्क समाप्त करने और अन्य असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने का कार्य किया गया। निर्धन व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करने वालों और अनैतिक गतिविधियों में लिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति काबू में रखने पर निरंतर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे आज ही नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ निर्यातकों की बैठक में मध्यप्रदेश के सोने जैसे दाने वाले गेहूँ के निर्यात बढ़ाने के संबंध में बैठक कर चुके हैं। किसानों को गेहूँ के निर्यात के लिए सभी सुविधाएँ दी जाएंगी। मंडी टैक्स भी नहीं लगेगा। राज्य शासन द्वारा इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। विभिन्न एक्सपोर्टर्स ने भी मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के अधिक से अधिक निर्यात के लिए आश्वस्त किया है। प्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने सहकारी बैंकों को बदहाल कर दिया था। ऋण व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई थी। प्रदेश में गत 2 वर्ष में 1 लाख 72 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में जमा की जा चुकी है। इसके अलावा 2200 करोड़ रुपए का फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी पूर्व सरकार ने जमा नहीं किया था। गत 2 वर्ष में किसानों को फसल बीमा राशि के 17 हजार करोड़ रूपये प्रदान किए गए हैं। किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार से मिलने वाली 6 हजार रुपए वार्षिक की राशि में मध्यप्रदेश सरकार ने 4 हजार रुपये शामिल कर किसान को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपए तक कर दिया है। इससे छोटे और सीमांत किसान बड़ी संख्या में लाभान्वित हुए हैं।...////...
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