18-May-2022 10:27 PM
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चेन्नई 18 मई (AGENCY) उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक आरोपी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश सुनने के बाद तमिलनाडु के वेल्लौर जिले में जोलारपेट्टै में स्थित उनके आवास पर लोगाें की काफी भीड़ देखने को मिली।
एक दुर्लभ मामले में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शीर्ष अदालत द्वारा पेरारिवलन की रिहाई का आदेश सुनाए जाने के बाद उनकी मां अर्पुथम्मल और पिता कुलदासन सहित परिवार के अन्य सदस्यों व रिश्तेदारों की आंखें भर आईं। अदालत के इस फैसले के साथ एजी पेरारिवलन 31 साल बाद जेल से बाहर आएंगे।
पेरारिवलन के परिवार के सदस्यों ने आज इस खास मौके पर मिठाइयां बांटी, एक-दूसरे को गले लगाया। सभी इस दौरान बेहद भावुक नजर आए। पेरारिवलन ने खुद आस-पड़ोस के लोगों को मिठाइयां बांटी। गौर करने वाली बात है कि पेरारिवलन अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए जमानत पर बाहर थे।
पेरारिवलन के माता-पिता ने उनकी रिहाई पर खुशी जताते हुए उन सभी को धन्यवाद दियाजो लंबी कानूनी लड़ाई में उनके साथ खड़े रहे। दोनों ने जमानत पर पेरारिवलन को रिहा करने की अनुमति देने के लिए तमिलनाडु सरकार और मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन को भी धन्यवाद दिया और शीर्ष न्यायालय को भी जमानत देने के लिए शुक्रिया कहा।
पेरारिवलन की रिहाई पर राजनेताओं ने कहा, “यह एक मां की जीत है, जिसने अपने बेटे की रिहाई के लिए तीन दशक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।”
वेल्लोर जेल में 30 साल तक कैद रहे पेरारिवलन ने इस दौरान बयान दिया, “सच्चाई और न्याय हमारे साथ है। हमें गहरा यकीन था कि मैंने कोई गलत काम नहीं किया और इसी ने मुझे और मेरी मां को इस कानूनी लड़ाई को जीतने की ताकत दी।”
उन्होंने कहा,“मेरी मां मेरी ताकत थीं और उन्होंने इस कानूनी लड़ाई को जीतने में हमारी मदद की।...////...