राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक जड़ें बहुत मजबूत हैं और सदियों से संरक्षित है। इसलिए, हम सबकी जिम्मेदारी है कि लोक-संस्कृति, कलाओं के संरक्षण एवं प्रोत्साहन प्रयासों के लिए गण और तंत्र मिलकर कार्य करे। राज्यपाल श्री पटेल लोकरंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। राज्यपाल श्री पटेल ने रविन्द्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकारों को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया। गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह के विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कृत किया। संस्कृति विभाग के द्वारा तैयार किये गये घुमंतु जनजातियों के भाषाकोष की वेबसाइट और पुस्तकों का लोकार्पण किया। दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने जनजातीय और लोक कला के विविध पक्षों पर केन्द्रित आयोजनों के लिए संस्कृति विभाग को बधाई दी। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार, देश के सांस्कृतिक अभ्युदय के नए युग में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पुनर्जागरण के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने हमारे गौरवशाली अतीत के वैभव को संरक्षित करते हुए युवाओं और भावी पीढ़ी को जोड़ने और सांस्कृतिक आयोजनों में जनजातीय एवं ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं को प्रदर्शन का अवसर देने राज्य सरकार की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने इस अवसर पर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य उत्सव की स्वर्ण जयंती और तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के सफल आयोजन, ताल दरबार, कत्थक कुम्भ, उज्जैन डमरू वादन, गीता पाठ और शास्त्रीय बैण्ड वादन के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का जिक्र भी किया।