मांग आधारित कार्यक्रम है मनरेगा : सीतारमण
10-Feb-2022 10:51 PM 2812
नयी दिल्ली, 10 फरवरी ( वार्ता ) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( मनरेगा ) एक मांग आधारित कार्यक्रम है और जब-जब भी इसके तहत अनुदान की मांग की जाती है तब-तब सरकार इसके बजट को बढ़ाएगी। श्रीमती सीतारमण ने गुरुवार को 2022-23 के केंद्रीय बजट पर लोकसभा में हुई सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का सरकार पर मनरेगा के बजट को कम करने का आरोप आधारहीन है। उन्होंने कहा , “ अमृतकाल’ की तरफ बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार ने कई कदम उठाए हैं। आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।” श्रीमती सीतारमण ने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने जो ‘अमृत काल’ का ही संकेत है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है। 60 लाख नौकरियां केवल उत्पाद आधारित प्रोत्साहन ( पीआईएल ) योजना को बढ़ावा देने से ही उत्पन्न होंगे। वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार अवसर पैदा हुए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 2020-21 में कोविड महामारी की वजह से सकल घरेलू उत्पाद में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आयी। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसी सरकारी दूरसंचार सेवाओं की कंपनियों की बदहाली के लिए पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ( यूपीए ) की नीतियां जिम्मेदार हैं । अब सरकार इनके पुनरुद्धार के लिए आर्थिक सहयोग कर रही है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के बजट को 1.35 लाख करोड़ से बढ़ाकर 2022-23 में 1.52 लाख करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े किसी भी फैसले में रक्षा मुख्यालय के सुझावों के मद्देनजर ही सरकार निर्णय लेती है। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए 1.24 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है और किसानों को सीधे उनके खातों में पैसे जमा किये जाते हैं। कृषि क्षेत्र के आधारभूत संरचना को विकसित और मंजूबूत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को भी बढ़ाकर इस वर्ष 86 हज़ार करोड़ से अधिक किया गया है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि विकसित, उभरती और छोटी बड़ी हर तरह की अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में भारत मे कोरोना काल मे दौरान सबसे तेजी से सुधार हुआ है।...////...
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