महाराणा उदयसिंह द्वितीय की 502वीं जयन्ती मनाई
25-Sep-2023 03:30 PM 5567
उदयपुर, 25 सितम्बर (संवाददाता) महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से आज यहां मेवाड़ के 53वें एकलिंग दीवान महाराणा उदयसिंह की 502वीं जयंती मनाई गई। महाराणा उदयसिंह द्वितीय का जन्म वि.सं.1578, भाद्रपद शुल्क एकादशी (ई.सं. 1521) को हुआ था। सिटी पेलेस म्यूजियम स्थित राय आंगन में मंत्रोच्चारण के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा-अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किया गया। सिटी पेलेस भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों के लिए चित्र सहित ऐतिहासिक जानकारी प्रदर्शित की गई। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि स्वामिभक्ति के इतिहास में पन्नाधाय का सम्मानीय स्थान है। उदयसिंह महाराणा संग्राम सिंह प्रथम के तीसरे पुत्र थे और उनके प्राणों की रक्षा करके ही मेवाड़ राज्य को अक्षुण्ण रखा गया था। मेवाड़ की भोगौलिक, एवं सामरिक स्थिति के कारण अन्य राज्यों के मेवाड़ पर आक्रमण का कारण थी। गुजरात एवं मालवा जाने वाले व्यापारिक मार्ग में चित्तौड़ केन्द्र था अतः मार्ग पर अधिकार करने के लिये मेवाड़ पर आक्रमण अवश्यंभावी था। इसी स्थिति को ध्यान में रखकर महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने मेवाड़ की युद्ध प्रणाली एवं सैन्य-नीति में व्यापक परिवर्तन किये। सर्वप्रथम, सन् 1553 ई. में उदयपुर की स्थापना करके अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया क्योंकि उदयपुर गिरवा की पहाड़ियों में स्थित है अतः संकट के समय इसे राजधानी के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। दूसरा, मैदानी युद्ध के स्थान पर पहाड़ों का उपयोग करके छापामार युद्ध प्रणाली के विकास का श्रेय भी महाराणा उदयसिंह को जाता है, इस युद्ध प्रणाली का प्रयोग कालांतर में मेवाड़ के अन्य महाराणाओं द्वारा भी किया गया।...////...
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