महबूबा ने भारत-पाकिस्तान से की बातचीत के जरिये तनाव कम करने की अपील
09-May-2025 08:12 PM 8866
श्रीनगर 09 मई (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व से सैन्य कार्रवाई का सहारा लेने की बजाय बातचीत के जरिये बढ़ते तनाव को कम करने की अपील की। सुश्री मुफ्ती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “बहुत खून बह चुका है। अब इसे यहीं रुक जाना चाहिए। सैन्य कार्रवाई कोई समाधान नहीं है। इससे लक्षणों को दूर किया जा सकता है , लेकिन बीमारी का जड़ से इलाज नहीं होता।” उन्होंने नागरिकों - खासकर महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों के लिए गहरी चिंता व्यक्त की - जो सीमा पार झड़पों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोग अपने घरों से विस्थापित हो रहे हैं। हमारे कई लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।” भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तनाव को कम करने के लिए तत्काल संयम की आवश्यकता है तथा मौजूदा तनाव के समय में और अधिक नागरिकों के हताहत होने का खतरा है। दोनों देशों के नेतृत्व और लोगों से समझदारी और करुणा दिखाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, “दोनों देशों को तनाव की स्थिति को कम करने की दिशा में गंभीरता से काम करना चाहिए। भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और पाकिस्तान गंभीर आंतरिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और ये वास्तविकताएं सैन्य कार्रवाई की नहीं, बल्कि परिपक्वता की मांग करती हैं। दोनों देशों के प्रयासों को राजनीतिक हस्तक्षेप पर केंद्रित होना चाहिए।” अतीत के पैटर्न को दोहराने की निरर्थक बताते हुए उन्होंने उदाहरण के तौर पर पुलवामा के बाद बालाकोट हवाई हमलों की ओर इशारा किया और कहा “तो उसके बाद क्या हुआ। और अब पहलगाम हुआ है। क्या बदल गया। आज क्या हो रहा है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने रुंधे हुए स्वर में दोनों देशों के नेतृत्व से निर्दोष लोगों के जीवन को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। पुंछ की एक दिल दहला देने वाली तस्वीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा “भगवान के लिए इन हमलों को रोकें। यह हमारे बच्चों के खेलने की उम्र है। मैंने उस बच्चे की तस्वीर देखी, वह उसी टी-शर्ट में खेल रहा था।” उन्होंने कहा “जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने यूक्रेन संकट के दौरान कहा था, युद्ध का युग वास्तव में खत्म हो गया है। सो अब बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का समय है ।” उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से टकराव से पीछे हटने और संवाद शुरू करने का आग्रह दोहराया।...////...
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