20-Apr-2023 07:46 PM
2853
जयपुर, 20 अप्रैल (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए लोक सेवकों की अह्म भूमिका बताते हुए कहा हैं कि लोक सेवकों की भागीदारी से ही संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन संभव है।
श्री गहलोत गुरुवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सिविल सेवा दिवस-2023 के अवसर पर ‘प्रतिबद्ध प्रशासन, राज्य में सुशासन’ की थीम पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का प्रथम राज्य बनाने की राज्य सरकार की परिकल्पना को साकार करने में लोक सेवकों का योगदान महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर उन्होंने सभी लोक सेवकों को सिविल सेवा दिवस की बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महापुरुषों की सोच से देश में एक उत्कृष्ट सिविल सेवा की नींव पड़ी, जिसका सम्मान उत्तरोतर बढ़ा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश को 21वीं सदी से जोड़ने का सपना देखा था। इसी का परिणाम है कि देश आज आईटी के क्षेत्र में नए आयाम हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी के लिए राज्य में तीन प्रतिशत बजट का प्रावधान किया गया है, इससे राजस्थान आईटी के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।
श्री गहलोत ने कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं का बढ़ता दुरूपयोग चिंता का विषय है। लोक सेवकों का यह कर्तव्य है कि देश में असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक परिस्थितियों का निर्माण ना हो। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को अपनी भूमिका केवल राजकीय सेवा तक सीमित ना रखकर समाज हित के कार्यों में भी भाग लेना चाहिए।
श्री गहलोत ने 24 अप्रैल से शुरू होने जा रहे महंगाई राहत शिविरों के सफल क्रियान्वयन के लिए लोक सेवकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज 11.04 की आर्थिक विकास दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में किए गए शानदार प्रबंधन की सराहना पूरे देश में की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र में किये गए लगभग 90 प्रतिशत वादे पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना राज्य सरकार का ध्येय है।...////...