24-Jul-2023 07:26 PM
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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (संवाददाता) कांग्रेस ने कहा है कि सरकार मणिपुर संकट को लेकर गंभीर नहीं है और इस मामले में वह संसद में चर्चा कराने तथा जवाब देने से बच रही है। पार्टी ने कहा कि यदि सरकार सचमुच में इस मुद्दे को लेकर गंभीर है तो उसे ईमानदारी से इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा करानी चाहिए।
राज्यसभा में कांग्रेस के सचेतक शक्तिसिंह गोहिल तथा लोकसभा में पार्टी सचेतक गौरव गोगोई ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार जिन नियमों के तहत इन मुद्दोंपर चर्चा कराना चाहती है मणिपुर जैसे संकट पर चर्चा के लिए यह ठीक नहीं है। इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में संसद के दोनों सदनों में जवाब देना चाहिए।
श्री गोहिल ने कहा कि नियम 267 के तहत राज्यसभा में बडी चर्चा होती है और नियम 167 के तहत छोटी चर्चा होती है। बड़ी चर्चा पर जरूरत पड़ने पर वोटिंग हो सकती है और इसमें लम्बी चर्चा की जा सकती हे इसलिए विपक्ष इस नियम के तहत चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इसे 176 के तहत चर्चा कराना चाहती है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस मुद्दे राजनीति की है और मणिपुर को नजरअंदाज करती रही है इसलिए यह मामला ज्यादा गंभीर हो गया तो उच्चतम न्यायालय को इस मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगानी पड़ी जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर इस बारे में संक्षिप्त बयान दिया है।
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस बारे में चर्चा की बात करते हैं लेकिन सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जो इस बारे में संसद में कुछ बोलना ही नहीं चाहते हैं। सवाल है कि श्री मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में बोल सकते हैं, फ्रांस में वहां राष्ट्रपति के गले लग सकते हैं लेकिन उन्हें मणिपुर जाकर वहां के लोगों का दर्द सनने की फुर्सत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग सिर्फ मणिपुर में ही नहीं बल्कि दिल्ली तथा अन्य शहरों में मणिपुर में जारी संकट पर प्रदर्शन कर रहे हैँ और अपनी पीड़ा का इजहार कर रहे हैं लेकिन श्री मोदी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और पीठ दिखा रहे हैं।...////...