मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में हुए इस एमओयू के अंतर्गत प्रदेश के चिड़ियाघर संस्थानों के लिए एकीकृत डिजिटल चिड़ियाघर प्रबंधन सूचना प्रणाली का डिजाइन और विकास किया जाएगा। संरक्षण योजना और साक्ष्य-आधारित वन्यजीव प्रबंधन के लिए, विशेष रूप से चिडि़याघर के बाघों (Pantheratigris) की आबादी के आणविक आनुवंशिक विश्लेषण के लिए ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर की उन्नत प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। वन्यजीवों को प्रभावित करने वाली बीमारियों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए भी संयुक्त अनुसंधान आरंभ होंगे। यह एमओयू दो साल की अवधि के लिए लागू रहेगा। समझौते के अनुक्रम में ग्रीन्स सेंटर तकनीकी प्रोटोकॉल, पशु चिकित्सा पद्धतियों और पशु कल्याण मानकों की समीक्षा कर, इस संबंध में सलाह राज्य शासन के वन विभाग को दे सकेगा।
मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुए एमओयू हस्ताक्षर और आदान-प्रदान अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी.एन. अम्बाड़े, ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के डॉ. बृज किशोर गुप्ता, श्री अनुपम जैन और श्री संदीप दीक्षित उपस्थित रहे।