मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य में पहली बार वृहद स्तर पर शुरू हुआ महुआ पेड़ों का संरक्षण
30-Aug-2024 12:00 AM 1153

बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में आदिवासी अंचल के लिए महुआ का पेड़ विशेष महत्व है। महुआ के मौसम में गाँव की गलियाँ खाली होती है। सभी ग्रामीण महुआ के फूल बीनने में व्यस्त रहते हैं। महुआ का पेड़ प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। भारत में इसे कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ आदिवासियों के लिए आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्व रखता है। महुआ का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यो में पाया जाता है। महुआ के फूल, फल, बीज, छाल और पत्ती सभी उपयोगी हैं। यह आदिवासियों की आय का एक प्रमुख स्त्रोत है। पिछले कुछ समय से महुआ के उत्पादन में गिरावट आयी है और महुआ के नए पेड़ नहीं उग रहे हैं। जिस कारण महुआ पेड़ों की संख्या घट रही है।

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