बीमार ग्रामीणों के लिए मेडिकल टीम ने उफनती नदी की पार: 10 किमी पैदल चले फिर 237 मरीजों को दवा दे 2 दिन बाद आए वापस
14-Aug-2021 12:09 PM 4994
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी पार नक्सल प्रभावित गांव। जहां पहुंचने के लिए सड़कें तक नहीं हैं, लेकिन ग्रामीाणों की जिंदगी बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी खुद की जान जोखिम में डाल रहे हैं। उफनती नदी को छोटी सी लकड़ी की नाव से पार कर और 10 किमी का जंगली रास्तों का सफर तय कर गांव पहुंचे। मकसद था, कुछ बीमार ग्रामीणों की जान बचाना। इस दौरान जंगल में खुले आसमान के नीचे रात भी गुजारी। फिर बीमारों को दवाई दी और ग्रामीणों को संक्रमण से बचाने टीका लगाया। बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी पार के नक्सलगढ़ ताकीलोड़ के कई ग्रामीण पिछले कुछ दिनों से बीमार हैं। उफनती इंद्रावती नदी को पार कर कोई भी ग्रामीण अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ताकीलोड़ में ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना बेलनार गांव के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी थी। जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की 6 सदस्यीय टीम ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करने और कोरोना का टीका लगाने के लिए गांव पहुंची। गांव तक पहुंचने से पहले उफनती इंद्रावती नदी सबसे बड़ी चुनौती थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस चुनौती को कबूला और जान जोखिम में डालकर लकड़ी की छोटी डोंगी से नदी को पार किया। इसके बाद भी चुनौती खत्म नहीं हुई थी। यहां बीहड़ों में हाथ में भारी भरकम वैक्सीनेशन बॉक्स सहित दवाइयां से भरे बैग को लेकर पतली पगडंडी से जंगल के रास्ते 10 किमी का सफर तय कर गांव ताकीलोड़ गांव पहुंचे। बीमार ग्रामीणों से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य की जांच की गई। 10 को लगाया टीका,237 ग्रामीणों की हुई स्वास्थ्य की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ताकीलोड़ गांव में मेडिकल कैंप लगाया। फिर बुखार, मलेरिया, सर्दी-खांसी, उल्टी-दस्त, खुजली आदि से पीड़ित कुल 237 ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच करने सहित उनका उपचार किया। इसके साथ ही गांव के 10 व्यक्तियों को कोविड का टीका भी लगाया गया। वहीं मोतियाबिंद से प्रभावित 6 ग्रामीणों के आंखों की जांच कर आवश्यक परामर्श एवं दवाई दी गयी। इसके साथ ही 5 गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर आयरन, फोलिक एसिड एवं अल्बेंडाजोल टेबलेट देने सहित स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिए गए। स्वास्थ्य शिविर में सभी ग्रामीणों को जरूरत के अनुरूप दवाई वितरित की गयी। इस दौरान लक्षित 38 बच्चों एवं माताओं का टीकाकरण किया गया। इंद्रावती नदी पर पुल नहीं होने से होती है ज्यादा परेशानी इंद्रावती नदी एक तरफ जहां बस्तर वासियों के लिए वरदान है तो वहीं दूसरी तरफ नदी पार के दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीणों के लिए परेशानी भी है। इंद्रावती नदी पर पुल नहीं होने का खामियाजा इलाके के ग्रामीणों व स्वास्थ्य विभाग की टीम को ज्यादा उठाना पड़ता है। हालांकि फुंडरी और पहुरनार में पुल निर्माण का काम चल रहा है। लेकिन इसे बनने में अभी समय लगेगा। फिलहाल नदी पार करने के लिए केवल लकड़ी की छोटी नाव ही एक मात्र सहारा है। प्राप्त जबकरियो के अनुसार बिना देर किए मेडिकल टीम नदी पार कर गांव पहुंची जिसमे 6 सदस्यीय मेडिकल टीम थी,इनमें कुछ महिला स्टाफ भी शामिल थी। ग्रामीणों का इलाज कर सभी 2 दिन बाद लौटे हैं। ..///..medical-team-crossed-the-raging-river-for-sick-villagers-311428
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