मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मेला संस्कृति हमें अतीत से जोड़ती है, जिससे मेल-मिलाप का भाव सशक्त होता है। एक दूसरे के साथ पालकी में एक साथ झूला झूलने और तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद लेने से मिलने वाला आनंद अभूतपूर्व है। राज्य शासन द्वारा इस तरह के आयोजनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव भेल दशहरा मैदान, भोपाल में आयोजित भोजपाल महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं भी मेले में मालवा के गराड़ू और अन्य व्यंजनों का स्वाद लिया। उन्होंने मेला परिसर में दुकानदारों द्वारा किए गए स्वागत का आभार व्यक्त करते हुए उनसे मेले में की गई व्यवस्थाओं के बारे में जाना और आश्वस्त किया की व्यवस्थाएं और भी बेहतर की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण सहित सभी देवी-देवताओं की जय-जय कार हम इस धरती पर नहीं करेंगे तो कहा करेंगे। हम उस संस्कृति के संवाहक हैं जिसके रोम-रोम में राम बसते हैं। इस सनातन धर्म की व्यवस्था के लिए कोई समझौता नहीं करेंगे। यह हमारी संस्कृति का आनंद है।