26-Nov-2023 11:38 PM
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हैदराबाद, 26 नवंबर (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित श्री रामचंद्र मिशन और हार्टफुलनेस के वैश्विक मुख्यालय कान्हा शांति वनम का दौरा किया।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने बाबूजी के 125 वर्ष पूरा होने पर एक स्मारक पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, प्रधानमंत्री ने एक बकुल पौधा लगाया, जिसे पगोडा या इंडियन बुलेट ट्री भी कहा जाता है। इस पेड़ का महत्व इसके औषधीय, सांस्कृतिक और खगोलीय गुणों में निहित है।
गौरतलब है कि श्री मोदी ने 1945 में श्री रामचंद्र मिशन की स्थापना करने वाले और बाबूजी के नाम से मशहूर शाहजहांपुर के रामचंद्र जी महाराज की 125वीं जयंती के अवसर पर रविवार को हैदराबद एक स्मारक पट्टिका का विमोचन किया।
दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र में ध्यान लगाने के लिए एक साथ देश और विदेशों से 40,000 से ज्यादा लोग एकत्रित हुए, जिनमें से कई वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, “यहां मेरी यात्रा लंबे समय से प्रतीक्षित थी, लेकिन पूज्य दाजी के दृष्टिकोण के अंतर्गत प्रेरणादायक कार्यों को देखने के लिए कान्हा शांति वनम की यात्रा करने का समय अब आया है। आज, शांति वनम को दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र के रूप में जाना जाता है, जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करता है। शांति वनम हमारे प्राचीन संतों और योगियों के ज्ञान और परंपराओं का प्रचार कर रहा है, जिन्हें 160 से ज्यादा देशों द्वारा योग और ध्यान के रूप में अपनाया गया है – मानवता की एक महान सेवा।”
पूज्य दाजी की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पूज्य दाजी आज मानवता के लिए जो कार्य रहे हैं, वह वास्तव में अविश्वसनीय है। उनके अपार योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। दाजी उन सबसे महान आत्माओं में से एक हैं जिनसे मैंने मुलाकात की है, वह दवा उद्योग में उत्कृष्ट हैं और आध्यात्मिकता में नेतृत्व कर रहे हैं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी महसूस होती है कि दाजी ने शांति वनम को मानव जाति के लिए एक महान प्रेरक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में किस ऊंचाई पर पहुंचाया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान, योग, आयुर्वेद और अन्य विज्ञानों के माध्यम से भारत के पुनरुत्थान पर बल दिया, जो राष्ट्र की विरासत में गौरव को दर्शाता है। उन्होंने समृद्ध और मजबूत भारत के निर्माण की दिशा में श्री रामचंद्र मिशन और हार्टफुलनेस और उनके स्वयंसेवकों के योगदान पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं मजबूत भारत के लिए चार स्तंभों नारी शक्ति, युवा शक्ति, श्रम शक्ति और उद्यम शक्ति में विश्वास करता हूं। ये चार स्तंभ महिलाओं, युवाओं, कर्मचारियों, उद्यमों और श्रम को सशक्त बनाएंगे। जिस तरह से प्रकृति निस्वार्थ भाव से प्रदान करती है, उसी तरह हम भी नि:स्वार्थ भाव से काम करें और एक मजबूत भारत का निर्माण करें।”
इसके जवाब में हार्टफुलनेस के गाइड और श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय दाजी ने कहा, “मोदी जी के रूप में, हमारे पास एक वैश्विक नेता है और यह उनका दृष्टिकोण है कि भारत चमक रहा है। जो बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वह यह है कि हमें आगे क्या करना चाहिए - हमें बेहतर इंसान बनने के लिए आंतरिक सफाई करनी चाहिए। योग और ध्यान वैचारिक प्रदूषण को साफ करने में मदद करेंगे और इसलिए 'हर दिन ध्यान, हर दिल ध्यान' कुछ ऐसा है जिसके लिए मैं हर किसी को सलाह देता हूं। आइए हम अपनी विरासत पर गर्व करें और एक-दूसरे पर गर्व करें।...////...