28-Apr-2024 06:23 PM
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सिरसी (कर्नाटक), 28 अप्रैल (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में अयोध्या में भगवान राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के भव्य आयोजन के दौरान विपक्ष की स्पष्ट अनुपस्थिति के लिए रविवार को उसे आड़े हाथ लिया, जबकि राम जन्मभूमि मामले में ऐतिहासिक भागीदारी के बावजूद इस अवसर पर इकबाल अंसारी के परिवार की उपस्थिति पर प्रकाश डाला।
श्री मोदी ने यहां एक चुनावी अभियान रैली को संबोधित करते हुए राम मंदिर के निर्माण पर अंसारी परिवार के पिछले कानूनी विरोध के बावजूद उनकी उपस्थिति के महत्व पर रोशनी डाली। उन्होंने इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को एकता और सुलह के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा,“ एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने वोट बैंक की राजनीति की भूख में राम मंदिर का अपमान किया और दूसरी तरफ इकबाल अंसारी का परिवार है, जिनके पूरे परिवार ने तीन पीढ़ियों तक राम मंदिर के खिलाफ मुकदमा लड़ा लेकिन जब उच्चतम न्यायालय का फैसला आया, उन्होंने इसे स्वीकार किया।राम मंदिर के ट्रस्टियों ने जब अंसारी परिवार को आमंत्रित किया, तो वे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में शामिल हुए।”
प्रधानमंत्री ने मछुआरों और आदिवासियों सहित विभिन्न समुदायों के कल्याण के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने मछुआरों के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड जैसे विशेष वित्तीय उपकरणों की शुरुआत और मछली पकड़ने वाले समुदाय का समर्थन करने के उद्देश्य से उत्पादन एवं प्रसंस्करण समूहों के विकास की योजना जैसी पहल की घोषणा की।
श्री मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और उस पर केंद्र में अपने कार्यकाल के दौरान आदिवासी समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने जनजातीय मामलों के मंत्रालय की स्थापना और जनजातीय कल्याण के लिए आवंटित बजट में उल्लेखनीय वृद्धि का हवाला देते हुए कांग्रेस की उपेक्षा की तुलना भाजपा के प्रयासों से की।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए कोई अलग मंत्रालय स्थापित नहीं किया। भाजपा सरकार ने न केवल जनजातीय मामलों का मंत्रालय स्थापित किया बल्कि 10 वर्षों में बजट भी पांच गुना बढ़ा दिया। भाजपा सरकार के प्रयासों की बदौलत देश के आदिवासी समुदाय में अब नया आत्मविश्वास झलक रहा है।...////...