मोदी सरकार बिगाड़ रही है सर्वधर्म समभाव: खरगे
16-Sep-2023 08:48 PM 5918
हैदराबाद , 16 सितंबर (संवाददाता) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर और नूंह (हरियाणा) जैसी जातीय और साम्पदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर मोदी सरकार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तीखी आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि ऐसी घटनाएं देश पर धब्बा हैं और ‘सर्वधर्म समभाव को बिगाड़ती हैं। श्री खरगे ने यहां नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक में 2021 की जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने की मांग की। उन्होंने संसद के विशेष सत्र के एजेंडे का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार की मंशा चुनाव आयोग पर सरकार का पूरा नियंत्रण स्थापित करने की है, विपक्ष को इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार के समय विषमता और बेरोजगारी बढ़ी है, सरकारी उपक्रम करीबी उद्योगपतियों को बेचे जा रहे हैं , तो घोटालों पर पर्दा डालने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि क्रमवार आयोजित किए जाने वाले जी20 शिखर सम्मेलन पर भारी खर्च करके सरकार वाहवाही ले रही है। उन्होंने प्रारंभिक वक्तव्य में मणिपुर और नूंह की घटनाओं पर कहा, “ ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं। ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है। देश का “सर्वधर्म समभाव” बिगाड़ता है। हमें मिलकर ऐसी ताक़तों को पहचान करके बेनक़ाब करते रहना है। ” श्री खरगे ने कहा , “ आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है। मणिपुर की दिल दहला देने वाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा। तीन मई 2023 से वहां शुरू हुई हिंसा आज भी जारी है। मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूँह तक पहुंचने दिया। यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, यूपी (उत्तर प्रदेश) और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला। ” उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय गंभीर खतरे में है। महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में एक साधारण थाली 65 प्रतिशत महंगी हो गयी है और 74 प्रतिशत आबादी को पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 65 प्रतिशत नौजवान आबादी वाले भारत में बेरोजगारी रिकार्ड स्तर पर और युवाओं का भविष्य अँधकार में है। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों के कारण अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहे हैं। देश की 40 प्रतिशत दौलत आबादी में केवल एक प्रतिशत हिस्सा रखने वाले अमीर सबसे अमीर लोगों के पास है जबकि वहीं निचले पायदान की 50 जनता के पास सिर्फ़ तीन प्रतिशत दौलत है। इससे सामाजिक असंतोष और तनाव पैदा हो रहा तथा सामाजिक-आर्थिक तरक्की की रफ्तार पर ब्रेक लग रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आंकड़ों की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए कहा कि 2021 का की जनगणना न कराने से 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून से और करीब 18 प्रतिशत लोग मनरेगा से बाहर हो गये। उन्होंने मांग की 2021 की जनगणना की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाये और जातिगत जनगणना भी करायी जाए, ताकि समाज के ज़रूरतमंद तबके को उनका हक मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार लोक उपक्रमों को अपने चंद पूँजीपति मित्रों के हवाले कर रही है, उनके फ़ायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक में कानून बन रहे हैं। श्री खरगे ने आरोप लगाया ,“ पिछले दिनों प्रधानमंत्री के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20,000 हज़ार करोड़ रुपए का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ। इसका पर्दाफ़ाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है। सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, परदा डाल रही है। ” बैठक में पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कार्यसमिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। श्री खरगे ने भाषण की शुरुआत में कहा कि नयी कार्यसमिति 20 अगस्त को बनी , जिसकी पहली बैठक हैदराबाद में एक ऐतिहासिक मौके पर हो रही है क्योंकि 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद को मुक्ति मिली थी। यह इलाका देश को आजादी मिलने के 13 महीने के बाद आजाद हुआ था। उन्होंने हैदराबाद में 1953, 1968 और 2006 में हुए कांग्रेस महाधिवेशनों का भी जिक्र किया तथा पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार बल्लभ भाई पटेल साहेब की स्मृति को नमन किया , जिनके कारण हैदराबाद निजामशाही से आजाद हुआ। ” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उदयपुर संकल्प के तहत हमने अपनी कार्यसमिति में कमजोर तबकों, नौजवानों और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया हैं। उन्होंने श्रीमती गांधी की प्रतिबद्धता, त्याग और उनकी महान सोच को पार्टी के प्रेरक बताया। उन्होंने कहा, ‘हम जिस तेलंगाना की राजधानी में बैठे हैं, उसे राज्य बनाने का काम भी सोनिया जी की कोशिशों की वजह से हुआ है। हम उनको भरोसा दिलाते हैं कि जल्दी ही दूसरे राज्यों के साथ तेलंगाना में भी हमारी सरकार बनेगी, जिससे हम तेलंगाना की जनता के सपनों को साकार करेंगे।” कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख “खास तौर पर” करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में ग़रीब, वंचित, महिला, युवा, किसान, बुद्धिजीवी, फ़ौजी और सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस यात्रा से पार्टी को नयी ऊर्जा मिली। श्री खरगे ने कहा कि इस यात्रा के दौरान , उनके बोले शब्द 'नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान' आज दुनिया भर में आम जनता की आबाज बन गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 10 सालों से केंद्र में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है। देश की आम जनता के हक़ में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए मजबूर भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने-पराये की राजनीति से हट कर किसानों-मजदूरों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने “आत्मनिर्भर भारत”, “ पांच ट्रिलियन इकॉनमी (पांच लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था ’, ‘न्यूइंडिया 2022’ और “अमृतकाल” को ध्यान भटकाने वाला नारा बताया और कहा कि आजकल “तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का ” का सपना सरकार बेच रही है। उन्होंने कहा 18 सितंबर से पांच दिनों के संसद के विशेष सत्र के एजेंडा के बारे में लंबे सस्पेंस के बाद चंद बातें सामने आयी हैं, जिसमें प्रमुख है , चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण। पर हमें सत्ता दल की मंशा पर सतर्क रहना होगा। ये सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है। वह नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं के हमलों से हमारे इंडिया गठबंधन की तीन बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारा कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ईडी, आयकर, सीबीआई को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार रोटेशन (क्रम) से होने वाली जी-20 बैठक पर दिल्ली में 4,000 करोड़ रुपया खर्च किया और सरकार उस पर वाहवाही ले रही है। उन्होंने इस संदर्भ में में 1953 में कांग्रेस के हैदराबाद महाधिवेशन में पंडित नेहरू के भाषण का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था, “ यद्यपि हमारे पास न कोई बड़ी फ़ौजी ताक़त है और न आर्थिक या माली ताक़त अच्छी हैं फिर भी क़ौमों की पंचायत में इस देश की इज़्ज़त रोज़-बरोज़ बढ़ रही हैं। आज़ादी हासिल हुए पांच साल हुए हैं, पर इतने थोड़े-से समय में हिंदुस्तान ने बड़ी इज़्ज़त हासिल की है , जिसके साथ ही इस पर नयी ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं। इतिहास में शायद ही इसकी कोई मिसाल हो, कि किसी देश ने आज़ाद होने के पाँच साल के अंदर ही ऐसा महत्व हासिल किया हो।...////...
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