09-Sep-2023 03:34 PM
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विजयवाड़ा, 09 सितंबर (संवाददाता) तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी रातोंरात घटित हुई कोई घटना नहीं हैं , बल्कि यह कौशल विकास घोटाले की गहन जांच का नतीजा है।
वाईएसआरसीपी ने शनिवार को श्री नायडू पर उत्पीड़न के झूठे प्रचार को खारिज कर दिया। पार्टी के महासचिव एवं सरकार (सार्वजनिक मामलों) के सलाहकार सजल रामकृष्ण रेड्डी ने उत्पीड़न के झूठे प्रचार को दरकिनार करते हुए कहा कि श्री नायडू कौशल विकास योजना घोटाले के सरगना हैं और उन्हें शेल कंपनियों के माध्यम से रिश्वत दी गई थी। उन्होंने कहा कि कानून उचित कार्रवाई कर रहा है क्योंकि घोटाला सर्वोच्च स्तर का आर्थिक अपराध है।
उन्होंने कहा, “अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 09 दिसंबर, 2021 को कौशल विकास घोटाले को लेकर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी। मामले की गहन जांच की और सबूतों के आधार पर श्री नायडू को उचित प्रक्रिया के बाद पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया।” उन्होंने कहा कि सरकार कभी भी उत्पीड़न करने वाली राजनीति नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, “तेदेपा अध्यक्ष कानून से ऊपर नहीं हैं और सीआईडी अधिकारियों ने उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है। राजनीति और अपराधिक मामले की जांच अलग-अलग हैं। बाकी का फैसला अदालतें करेंगी।'” उन्होंने ने बताया कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच के सीमेंस के पूर्व महाप्रबंधक (एमडी) सोम्याद्री शेखर उर्फ सुमन बोस, डिजाइन टेक सिस्टम्स के एमडी वी.वी. खानविलकर, वित्तीय सलाहकार मुकुल चंद्र अग्रवाल और स्किलर एंटरप्राइजेज के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश गोयल सहित चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
श्री रेड्डी ने कहा कि सीआईडी द्वारा मामला दर्ज किए जाने से पहले केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने कौशल विकास घोटाले से प्राप्त सार्वजनिक धन के हेरफेर की जानकारी दी थी।...////...