08-Mar-2022 11:57 PM
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मुंबई, 8 मार्च (AGENCY) महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने अपने वकील के माध्यम से आरोप लगाया है कि उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न तो उन्हें दस्तावेज पेश करने और न ही कुर्ला-गोवाला कंपाउंड में संपत्ति की खरीद में लेनदेन की वैधता साबित करने का मौका दिया।
बचाव पक्ष के वकील अमित देसाई ने कहा कि मलिक को 23 फरवरी की सुबह पूछताछ के लिए बुलाया गया, दोपहर में गिरफ्तार किया गया और शाम को रिमांड के लिए अदालत में पेश किया गया था।
उन्होंने कहा कि मलिक को संदेह का लाभ नहीं दिया गया और उन्हें दस्तावेज लाने की अनुमति भी नहीं दी गई। उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया जैसे कि वह फरार होने जा रहे हैं।
श्री देसाई ने आगे कहा कि 20-25 साल से अधिक समय से जनता की सेवा कर रहे मंत्री के खिलाफ कुछ लोगों के बयानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को कुर्ला में एक मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति को हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोप में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था, जिसकी मौजूदा कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये है।
मुनीरा ने जांच एजेंसी को दिए अपने बयान में कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति से अतिक्रमण हटाने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी न की बिक्री के लिए, और हाल ही में उन्हें पता चला कि उनकी संपत्ति बेची गई थी।
श्री देसाई ने कहा, "उसने (मुनीरा) भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के ड्राइवर सलीम पटेल के साथ संबंध होने की बात स्वीकार की है।"
याचिका के जवाब में ईडी ने अपने हलफनामे में कहा कि वे नवाब मलिक से दो अन्य अपराधों के संबंध में भी जांच कर रहे हैं।
ईडी के वकीलों, अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह और अधिवक्ता हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को सूचित किया कि याचिका विचारणीय नहीं है और इसे खारिज कर देना चाहिए। इस मामले में बुधवार को भी बहस जारी रहेगी।...////...