08-Jan-2022 10:48 PM
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नयी दिल्ली 08 जनवरी (AGENCY) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि नये सैनिक स्कूलों की स्थापना से लड़कियों को सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान करने का अवसर मिलेगा।
श्री सिंह ने आज यहां सैनिक स्कूलों पर एक वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार की मंशा सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने की है और इसके लिए सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने तथा महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे कदम उठाये गये हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि नये सैनिक स्कूलों की स्थापना का निर्णय लड़कियों को देश की सेवा करने के अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने सैनिक स्कूलों के विस्तार की घोषणा को बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पिछले छह-सात वर्षों में सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों में से एक बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सैनिक स्कूलों में रक्षा और शिक्षा का समन्वय भविष्य में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा , “ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संयुक्त राष्ट्र के आत्मसात 17 सतत विकास लक्ष्यों में से है। इसके तहत कई अन्य लक्ष्य हैं और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारी मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता रही है। करीब 100 नये सैनिक स्कूलों की स्थापना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि सैनिक स्कूलों ने अब तक सशस्त्र बलों में 7,000 से अधिक अधिकारियों की भर्ती में योगदान दिया है। वहीं नागालैंड के अलावा पूर्व सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर (सेवानिवृत्त) और जनरल दलबीर सिंह सुहाग (सेवानिवृत्त) जैसे सैन्य अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो , आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव और फिल्म निर्देशक राकेश रोशन जैसी शख्सियतें देश को दी है। उन्होंने कहा , “ आज देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के तालमेल के कारण रक्षा, स्वास्थ्य, संचार, उद्योग और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नयी ऊंचाइयों को छू रहा है। आवश्यकता है शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति और बच्चों के समग्र विकास की और यह तभी संभव है जब रक्षा, शिक्षा और निजी क्षेत्र का मजबूत सहयोग हो।”
रक्षा मंत्री ने रक्षा विभाग और सैनिक स्कूल सोसायटी को उनके प्रदर्शन के आधार पर सभी सैनिक स्कूलों की रैंकिंग के लिए एक तंत्र तैयार करने का सुझाव दिया , जिससे स्कूलों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हो।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 12 अक्टूबर को सैनिक स्कूल सोसायटी के साथ संबद्धता के आधार पर गैर सरकारी संगठनों / निजी स्कूलों / राज्य के स्वामित्व वाले स्कूलों की साझेदारी में सैनिक स्कूल शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
वेबिनार में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार तथा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव अनीता करवाल भी मौजूद रहीं।...////...