04-Sep-2023 06:57 PM
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नयी दिल्ली, 04 सितंबर (संवाददाता) केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उद्यमियों की मदद और उद्यमिता विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और मेटा (पूर्व में फेसबुक) के बीच तीन साल की साझेदारी - “ एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप ” (शिक्षा से उद्यमशीलता) के शुभारंभ की सोमवार को यहां घोषणा की ।
श्री प्रधान ने कहा कि यह साझेदारी छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी को सशक्त बनाएगी। मेटा, निस्बड (राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु उद्यम विकास संस्थान), एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) और सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद) के बीच तीन आशय-पत्रों (एलओआई) का आदान-प्रदान किया गया। शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री प्रधान ने कहा कि आज शुरू की गई पहल भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने और हमारी अमृत पीढ़ी को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को पूरा करने के काम को आगे बढ़ाने के लिए है।
उन्होंने कहा, “ एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप' साझेदारी बाजी पलटने वाली साझेदारी है, जो डिजिटल क्षेत्र में कौशल को सामान्य लोगों के स्तर तक ले जाएगी। यह हमारे लिए प्रतिभाओं के बड़े समूह का निर्माण करेगी, छात्रों, युवाओं, कार्यबल और सूक्ष्म-उद्यमियों को भविष्य की टेक्नोलॉजीज़ के साथ सहजता से जोड़ेगी। ”
उन्होंने कहा कि इससे हमारी अमृत पीढ़ी (आजादी के अमृत काल की पीढ़ी) को नये युग के समस्या समाधानकर्ताओं और उद्यमियों में बदल देगी ।
उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को टेक्नोलॉजी कन्वर्जन (प्रौद्योगिकियों के संगम) से जोड़ा जाना चाहिए ताकि टेक्नोलॉजी पूरे समाज के लिए समतुल्य बन जाए। उन्होंने कहा, “ एनईपी के सिद्धांतों से प्रेरित होकर, निस्बड, सीबीएसई और एआईसीटीई के साथ मेटा की साझेदारी हमारी आबादी को महत्वपूर्ण डिजिटल स्किल से लैस करने और सूक्ष्म उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए अनंत संभावनाओं को बढ़ावा देगी। ”
श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि इस तेजी से बदलते समय में हमारे युवाओं और कार्यबल को सफल होने और टेक्नोलॉजी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के उभरते परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कौशल से लैस करने के लिए तैयार करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्किल, इनोवेशन इकोसिस्टम में कौशल और उद्यमिता का प्रतिनिधित्व करते हुए, अधिक महत्वपूर्ण रूप से लाखों छोटे ग्रामीण, सूक्ष्म और स्व-रोज़गार उद्यमियों के बीच एक ब्रिज का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन्हें विस्तार करने, विकास करने और सफल होने में सक्षम बनाता है।
मेटा के अध्यक्ष, ग्लोबल अफेयर्स, सर निक क्लेग ने वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि वर्कफोर्स के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों, शिक्षा और कौशल के बीच साझेदारी को एक साथ लाने में उनके सहयोग के लिए श्री प्रधान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत का टैलेंट बेस और तेजी से डिजिटल अपनाना इसे उभरती टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। उन्होंने भारत के विद्यार्थियों , युवाओं और उद्यमियों को सशक्त बनाने में मेटा के योगदान की आशा व्यक्त की, जिसमें भारतीय स्टार्टअप और व्यवसायों के लिए कौशल विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान देने के साथ, शिक्षा, रोजगार सृजन, कौशल विकास और यूजर सेफ्टी जैसे क्षेत्रों में जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान भारत के साथ मिलकर काम किया है।
निस्बड के साथ साझेदारी के तहत, अगले तीन वर्षों में पांच लाख उद्यमियों को मेटा द्वारा डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स तक पहुंच मिलेगी। शुरुआत में उभरते और मौजूदा उद्यमियों को सात क्षेत्रीय भाषाओं में मेटा प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स में प्रशिक्षित किया जाएगा। साझेदारी के बारे में विवरण पर प्रकाश डालते हुए तीन शॉर्ट फिल्में भी प्रदर्शित की गईं।
इस मौके पर शिक्षा एवं कौशल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं मेटा इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।...////...