न्यायालयों में लंबित मामले निपटाने का रास्ता निकाल रही है सरकार:रिजिजू
08-Dec-2021 05:21 PM 2988
नयी दिल्ली, 08 दिसम्बर (AGENCY) कानून मंत्री किरण रिजिजू ने न्यायालयों में लम्बित मामलों के निपटाने के लिए सभी पक्षों के सहयोग पर बल देते हुए कहा है कि सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है और वैकल्पिक रास्तों के जरिए मामलों की संख्या कम करने का प्रयास कर रही है। श्री रिजिजू ने ‘उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) विधेयक 2021’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि सभी सदस्यों ने लम्बित मामलों की संख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा संकट है लेकिन इसका समाधान आसान नहीं है लेकिन सरकार वैकल्पिक रास्ते निकालकर मामलों की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है। लम्बित मामलों को लेकर कोविड काल में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान लाखों मामलों का निपटारा हुआ है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा साढ़े चार करोड़ मामले निचली अदालतों में लम्बित पड़े हैं और उन्हें परामर्श, परस्पर समाधान, ऑनलाइन न्याय आदि तरीके से निपटाए जाने की कोशिश होनी चाहिए। उनका कहना था कि अदालतों में जो मामले लम्बित पड़े हुए हैं उनमें 90 फीसदी मामले निचली अदालतों में जहां ज्यादातर आम आदमी को न्याय मिलता है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना था कि इस व्यवस्था को लेकर सिर्फ सदन में ही सवाल नहीं उठ रहे हैं बल्कि कई पूर्व न्यायाधीशों, बार एसोसिएशन तथा कई अन्य कानूनविदों ने इस बारे में उन्हें पत्र लिखे हैं। सदन में भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया कुछ सदस्यों ने की है और ऐसी स्थिति में कानून की दिशा में बढ़ने पर विचार किया जा सकता है। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार की न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है। उसके पास जो भी फाइल आती है यदि उसमें कुछ गड़बड़ी नहीं है तो फाइल रुकती नहीं है। उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति को लेकर जो शिकायतें आ रही हैं उनको देखते हुए उस पर विचार किया जाने की जरूरत महसूस होती है। उनका कहना था कि न्याय और आम आदमी के बीच दूरी नहीं रहनी चाहिए और इसके लिए सभी को सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही देश के सभी राज्यों के कानून मंत्रियों के साथ बैठक करने की योजना बना रहे हैं। बैठक के लिए वह राज्य सरकारों को लिखेंगे और दिल्ली में एक बैठक आयोजित करेंगे। मंत्री के बयान के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।...////...
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