08-Mar-2022 11:13 PM
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नई दिल्ली, 08 मार्च (AGENCY) उच्चतम न्यायालय परिसर के आसपास एक 'न्यायिक विस्टा' बनाने और देशभर की अदालतों के बुनियादी ढांचों को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक स्वतंत्र केंद्रीय प्राधिकरण के गठन की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत ने मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव और अधिवक्ता अर्धेंदुमौली कुमार प्रसाद की ओर से दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय और उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल से जवाब तलब किया।
याचिका में दावा किया गया है कि बार और बेंच की आने वाली कई दशकों की जरूरतों के मद्देनजर न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा के विकास करने की गुहार लगाई गई है।
याचिका में अदालत परिसर के आसपास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के साथ 45-50 कोर्ट रूम, वकीलों के लिए 5,000 चैंबर, लगभग 10,000 कारों के लिए भूमिगत मल्टी-लेवल पार्किंग, पुस्तकालय सहित अन्य सुविधाओं के साथ एक बहु-स्तरीय परिसर की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि शीर्ष अदालत में बुनियादी ढांचा न्यायाधीशों की संख्या, रजिस्ट्री, बार आदि के अनुपात में सुविधाएं बेहद कम है है। वर्तमान उच्चतम न्यायालय परिसर 1958 में बनाया गया था। वैसे तो इसे समय-समय पर पुनर्निर्मित किया गया था, बावजूद इसके यह जरूरत के अनुसार अपर्याप्त है।
शीर्ष अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 30 मार्च को करेगी।...////...