07-Dec-2023 06:02 PM
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पटना 07 दिसंबर (संवाददाता) भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं कर दिए हैं लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है।
श्री भट्टाचार्य ने जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आंकड़ों के आलोक में गुरुवार को पार्टी के ‘बदलाव के संकल्प’ के साथ आयोजित राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने वर्ष 2024 के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं कर दिए हैं लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं तो 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना पूरी तरह संभव है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में निर्णायक जीत के लिए आज के ज्वलंत मुद्दों पर एक सशक्त जन अभियान शुरू करने की जरूरत है।
माले महासचिव ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर बिहार पर है। बिहार में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन है। यदि महागठबंधन सरकार सही रास्ते पर चले और संघर्ष के मुद्दों पर केंद्रित हो, तो भाजपा की हार निश्चित है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार का सामाजिक-आर्थिक सर्वे सरकारों की विफलता के आंकड़े हैं। लंबे समय से बिहार में ‘डबल इंजन’ की ही सरकार थी। यह सर्वे किसानों की आय दुगनी करने और हर गरीब को पक्का मकान देने के नरेंद्र मोदी सरकार के वादे की भी पोल खोल रहा है। बिहार सरकार ने सच को स्वीकार किया है लेकिन केंद्र सरकार आंकड़ों को छुपाकर जले पर नमक छिड़क रही है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, वंचितों के आरक्षण का विस्तार और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग का स्वागत है लेकिन लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए। उन्होंने कहा कि 34 प्रतिशत लोग अतिगरीबों की श्रेणी में हैं, 64 प्रतिशत आबादी को गरीब कहना चाहिए। लोग भारी कर्ज और पलायन के जरिए जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।
माले महासचिव ने कहा कि स्कीम वर्करों के लिए न्यूनतम 15000 रुपये वेतन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी (मनरेगा) में काम के दिन और मजदूरी बढ़ाकर, खाली पदों पर बहाली आदि के जरिए लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि निजीकरण महंगाई को बढ़ावा दे रहा है और लोगों के जीवन को संकट में डाल रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मदों में सरकारी खर्चा बढ़ाना चाहिए।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भूमि सुधार, खेती का विकास, लघु उद्योगों की स्थापना सरीखी ढांचागत समस्याएं बिहार के पिछड़ेपन के कारण हैं। यह कोई माले का नहीं बल्कि बिहार के विकास का एजेंडा है। यह महागठबंधन का एजेंडा बनना चाहिए। इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गरीबी की भयावहता से राज्य को उबारने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बने और एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाई जाए। अंबानी-अडानी की जगह गरीबों के विकास का सवाल राजनीति के केंद्र में हो।
कन्वेंशन में कई मांग समर्थित प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें अविलंब पूरे देश में जाति आधारित गणना कराने की मांग, पूरे देश की समृद्धि और विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आलोक में बिहार के विकास के लिए एक समग्र नीति बनाने के लिए एक विशेषज्ञ कमिटी गठित करने की मांग, व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर बिहार को गरीबी एवं पिछड़ेपन के दुष्चक्र से बाहर निकालने की एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाने की मांग शामिल है।
साथ ही कन्वेंशन में बिहार की गरीबी और पिछड़ेपन के लिए जिम्मेवार भूमि के असमान वितरण सरीखी ढांचागत समस्याओं को हल करने तथा कृषि सुधारों, लघु उद्योगों के विकास, तमाम रिक्त पदों पर अविलंब बहाली, स्कीम वर्करों के नियमितीकरण एवं 15000 रुपये मासिक वेतन की गारंटी, मनरेगा में साल में न्यूनतम 200 दिन काम और 600 रुपये मजदूरी, आवास की समस्या झेल रही बड़ी आबादी के लिए नया वास-आवास कानून, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए रोजगार, शिक्षा में व्यापक सुधार आदि मांगों के संदर्भ में राज्य सरकार से फौरी तौर पर कदम उठाने की मांग से संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।
ओल्ड पेंशन स्कीम के पक्ष में चल रहे आंदोलनों का समर्थन करते हुए पूरे देश और राज्य में उसकी पुनर्बहाली की मांग और पार्टी ढांचों को मजबूत करने के लए 18 दिसंबर से 25 दिसंबर तक एक सप्ताह के अभियान को सफल बनाने का आह्वान के अलावा कई अन्य प्रस्ताव पारित किए गए।
कन्वेंशन को माले नेता राजाराम सिंह, मीना तिवारी, धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ, महबूब। आलम और शशि यादव ने संबोधित किया। इस मौके पर सरोज चौबे, अनिता सिन्हा, सोहिला गुप्ता, सत्यदेव राम और इंद्रजीत चौरसिया, स्वदेश भट्टाचार्य, अमर, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव सहित पार्टी के सभी राज्य स्थायी समिति के सदस्य और सभी विधायक उपस्थित थे।...////...