पंजाब की आप सरकार संसाधनों का उपयोग करने में विफल , निवेशक बाहर जा रहे हैं: सीतारमण
28-May-2024 11:23 PM 2753
लुधियाना, 28 मई (संवाददाता) पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग न करने और राज्य के साथ सौतेले व्यवहार का झूठा रोना रोने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्य की जनता से लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का साथ देने की अपील की। उन्होंने इस औद्योगिक शहर में लघु और मझोले उद्यमियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था ठीक न होने, बिजली की कमी और बिजली महंगी होने तथा निवेशकों को आकर्षित करने में वर्तमान सरकार की विफलता के कारण निवेशक पंजाब को छोड़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि इन चुनाव में श्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) फिर सफल होगा और सरकार पंजाब के उद्यमियों के साथ मिल बैठकर उनके मुद्दों का समाधान करेंगी। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार तीसरी बार बना रहे हैं इसमें कोई संदेह नहीं है सरकार बनाने के बाद पूरी सिद्दत से के साथ छोटे मझोले उद्यमों की चुनौतियों पर चर्चा का करके उसका समाधान निकाला जाएगा।' सभा में राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और कई उद्यमी नेता तथा आम जन उपस्थित थे। श्रीमती सीतारमण ने लुधियाना के उद्यमियों को इस औद्योगिक नगर का पुराना गौरव फिर लौटाने के लिए काम करने का वायदा करते हुए कहा , 'पंजाब में अगर अच्छी समझदार सरकार होती तो आप की ओर से आज उठाए गए बहुत से मुद्दे अपने स्तर पर हल कर सकती थी। बाकी मुद्दे सरकार चाहती तो केंद्र को फोन कर के हल करवा सकती थी।' उन्होंने कहा कि आप के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार को राज्य के औद्योगिक विकास की चिंता होती तो उसके मंत्री हमसे बात करते और मोदी सरकार उनका समाधान निकालती। श्रीमती सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह पंजाब के वित्त मंत्री थे तो माल एवं सेवाकर परिषद की बैठकों में 'हमसे झगड़ा करने में माहिर थे, उन्होंने पंजाब की बात को रखा।' वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर आधार वर्ष संबंधित पंजाब के आंकड़े गलत दे दिए गए थे इससे पंजाब को क्षतिपूर्ति का पैसा पैसा मिल रहा था। पंजाब ने जब महालेखाकार (एजी ) की सर्टिफिकेट के साथ सही दावा किया तो मैंने उनकी रिक्वेस्ट का माना । मोदी सरकार का यह तरीका है।' वित्त मंत्री ने कहा , 'आज दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पंजाब सरकार केंद्र से सामान्य तौर पर योजनाएं के मिलने वाले पैसे का 15-20 प्रतिशत ही उपयोग कर पा रही है। समर्थवान मंत्री हो तो काम होता है। वर्तमान सरकार के मंत्री शायद किसी और काम में समर्थवान हैं।' वित्त मंत्री ने कहा, 'इस संसदीय चुनाव के साथ पंजाब के लोगों को यह संदेश देना चाहिए कि वह मोदी सरकार की सही नितियों का समर्थन करती है।' उन्होंने आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा कि वह राज्य की 13 की 13 सीटों को मांगने आए थे ताकि आप दिल्ली में राज्य का मुद्दा उठा सके। श्रीमती सीतारमण ने दिल्ली में एक शिशु अस्पताल में आग की घटना जिक्र करते हुए कहा कि वह (केजरीवाल) तो अपनी सरकार ठीक से चला नहीं पा रहे हैं और यहां आकर बड़ी बड़ी बातें करते हैं।' वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब उद्यम और उद्योग के लिए जाना जाता था आज उसमें पिछड़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी राज्यों को साथ साथ बढ़ना चाहिए। हमारी विकास की रफ्तार तेज होनी चाहिए ताकि हम 2047 से पहले विकसित राष्ट्र बन सकें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती है। झारखंड में 9000 करोड़ रुपये खर्च कर पुराने उर्वरक कारखाने को रिवाइव किया। इतने ही पैसे से उत्तर प्रदेश (गोरखुपुर ) और बिहार में एक एक उर्वरक कारखने का पुनरोद्धार हुआ। सरकार विश्व व्यापार संगठंन में बासमती की जीआई की लड़ाई लड़ी ताकि हमारे पंजाब राज्यों के किसानों और व्यवसायियों के हितो का आगे बढ़ा जा सके। स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों के हिता की रक्षा के लिए हम मुक्त व्यापार समझौतों के प्रभाव की समीक्षा कर रह हैं। उन्होंने पंजाब के उद्यमियों से इस विषय में उनके सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि उद्योगों की तरक्की के लिए कानून व्यवस्था का मुद्दा बड़ा महत्वपूर्ण है। मैं एक राज्य की तुलना दूसरे राज्य से नहीं करती पर तमिलनाडु और कुछ अन्य राज्यों में आटो काम्पोनेट क्लस्टर्च सहज रूप से फल फूल रहे हैं। इसके लिए कोई प्रोत्साहन नहीं। यह पंजाब में भी होना चाहिए पर इसके लिए राज्य को सक्रियता से पहल करनी चाहिए और वातावरण बनाना चाहिए। इसी संदर्भ में उन्होंने टाटा सेमी कंडक्टर की तीन सेमीकंडक्टर यूनिटों के प्रस्ताव में से एक असम में जाने का जिक्र भी किया । उन्होंने कहा कि लैंड लाक्ड (समुद्र से दूर) होने के बावजूद राज्य निवेश आकषित करते हैं। पंजाब अपनी खेती के साथ अपने उद्योगों के लिए जाना जाता था। राज्य में बड़े उद्योग आकर्षित होने चाहिए क्यों कि उसके साथ एंसिलियरी इकाइयां आएगी। श्रीमती सीतारण ने एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद की गत जनवरी की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में आप सरकार बनने के बाद सालाना निवेश में कोविड के पहले के वार्षिक निवेश की तुलना में 2022-23 में 85 प्रतिशत तक गिरावट आ गयी। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की आप सरकार बूढी महिलाओं को पेंशन देने, नशाखोरी की समस्या कम करने के कदम उठाने के वायदे पूरे नहीं कर पा रही है। राज्य में बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत का दो गुना है। आप सरकार बनने के बाद पंजाब में पहले डीजल पेट्रोल पर 90 पैसा सेस लगाया गया । उसके बाद डीजल और पेट्रोल पर क्रमश: 92 पैसा और 88 पैसा प्रति लीटर वैट लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि 2004-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान पंजाब को केंद्रीय करों के हिस्से के और सहायता अनुदान के रूप में प्राप्तियां कई गुना बढ़ गयी है पर राज्य सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ने , विकास को गति देने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पंजीगत खर्च बढ़ने के लिए राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की सुविधा दी है पर पंजाब कीआप सरकार उसका उपयोग नहीं कर पर रही और केंद्र की ओर से सौतेले व्यवहार का रोना रोती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में केंद्र में बनने वाली नयी सरकार पंजाब के साइकिल और टेक्सटाइल जैसे रोजगार प्रधान उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए काम करेगी। उन्होंने आय कर की धारा 43बी को लेकर उद्यमियों की समस्या पर गौर करने तथा उसका समाधान निकालने का आश्वासन दिया। यह धारा व्यावसायिक आय से संबंधित है। इसमें प्रावधान है कि कुछ सांविधिक खर्चो की व्यावसायिक आय से कटौती वास्तविक भुगतान के वर्ष में ही की जा सकती है , भले ही इसकी देनदारी पैदा होने का वर्ष दूसरा हो।...////...
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