मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में पर्यटन को नए आयाम प्रदान करने के लिए सहज हवाई यातायात (एयर कनेक्टिविटी) एक बुनियादी जरूरत है। हरसंभव तरीके से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाएं, ताकि पर्यटक मध्यप्रदेश आकर यहां की समृद्ध ऐतिहासिक विरासतों का आसानी से अवलोकन कर सकें। इसके लिए आपसी सामंजस्य बेहद जरूरी है। विमानन विभाग, संस्कृति, पर्यटन और चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में प्रयास करे। सरकार मध्यप्रदेश को क्षेत्रीय विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए हर जरूरी सुविधा और मदद मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में विमानन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीवीआईपी और वीआईपी मूवमेंट के दौरान यातायात रोकने से जनसामान्य को परेशानी होती है। इसलिए इस कठिनाई के स्थायी निदान के लिए मंत्रालय (वल्लभ भवन) और मुख्यमंत्री निवास के समीप ही नए हेलीपैड का निर्माण किया जाए। इससे समय की बचत भी होगी और सबकी कठिनाई भी दूर होगी। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव विमानन श्री संजय कुमार शुक्ला, आयुक्त विमानन श्री चंद्रमौली शुक्ला, उपसचिव डॉ. कैलाश बुंदेला, श्री दिनेश सोनकेसरिया, कैप्टन श्री विश्वास राय सहित विमानन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में धार्मिक पर्यटन, मेडिकल टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और जनजातीय संस्कृति से जुड़ाव के लिए होम स्टे प्रोत्साहन के रूप में सेल्फ फीलिंग/हीलिंग टूरिज्म की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विमानन क्षेत्र में नए रोजगार सृजन की संभावनाओं के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और युवाओं के कौशल विकास के लिए पायलट-क्रू मेंबर्स के प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्सेस चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ती विमानन आवश्यकताओं के लिए पॉयलेटों की संख्या बढ़ाएं। नए पॉयलेटों की भर्ती करें, उन्हें प्रशिक्षित भी करें।