प्रदेश में रीवाइल्डिंग से संतुलित होगी वाइल्डलाइफ इकोलॉजी
02-Sep-2025 12:00 AM 886

मध्यप्रदेश में स्वैम्प डियर (बारहसिंगा) सहित कई प्रजातियों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए पुनर्वास एवं पुनर्प्रवेश कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वैज्ञानिक पद्धति से इन प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में पुनः स्थापित करने का प्रयास हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिये 'रीवाइल्डिंग'की अभिनव पहल की गई है। रीवाइल्डिंग का उद्देश्य वाइल्डलाइफ इकोलॉजी को संतुलित कर लुप्त होती प्रजातियों को पुनर्जीवित करना, संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना है। प्रदेश में की गई यह पहल अन्य राज्यों के लिए वन संरक्षण का मॉडल बनेगी।

रीवाइल्डिंग का अर्थ है प्रकृति को उसकी मूल अवस्था में लौटाना। इसके लिये जंगलों में उन प्रजातियों को पुनः बसाया जाता है, जिनके बिना पारिस्थितिकी तंत्र अधूरा है। इसमें शिकारी प्रजातियों और शिकार प्रजातियों को शामिल किया जाता है। माना जाता है कि इन प्रजातियों के बिना जंगल का आहार-संतुलन बिगड़ता है और नेचुरल लाइफ साइकिल टूट जाती है।

‘टाइगर स्टेट’ कहलाने वाला मध्यप्रदेश जैव विविधता से समृद्ध है। इसके बावजूद कई प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर हैं। प्रदेश के वनों में स्वैम्प डियर (बारहसिंगा) की संख्या लगातार घट रही है। साथ ही बाघ और तेंदुए का संतुलन भी प्रभावित हुआ है। विलुप्त होती प्रजातियों को समय रहते पुनर्स्थापित कर जंगलों के साथ प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखा जा सकता है।

 

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