मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बाबा श्री महाकाल की नगरी, भारत एवं विश्व का एक प्रमुख आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र उज्जैन, यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 आयोजन की मेजबानी कर रहा है। यह भूमि वेदों, पुराणों और योग परंपरा से समृद्ध रही है, और आज हम सभी यहां इसी परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने हेतु एकत्रित हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि "यह दौर युद्ध का नहीं, शांति का है"। उनका यह विचार आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता को इंगित करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह युग संभवतः सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है, जहाँ युद्ध, गृहयुद्ध, आतंकवाद और आपसी वैमनस्यता ने विश्व को तनावग्रस्त बना दिया है। हमें विचार करना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसी दुनिया सौंप रहे हैं- एक विभाजित, हिंसा-ग्रस्त समाज या शांति, समरसता और आध्यात्मिक चेतना से ओत-प्रोत एक संसार? सनातनी मूल्यों से प्रेरित यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन संपूर्ण मानवता के कल्याण एवं विश्व शांति के लिए एक प्रभावी मंच हो सकती हैं। यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव एकात्म चेतना के माध्यम से शांति की संस्कृति की स्थापना होगी। इस मंच पर 21 से अधिक देशों के विद्वान, संत, मनीषी, आध्यात्मिक शिक्षक, कोच और विचारक एकत्रित हुए हैं, जो इस विषय पर अपने विचार साझा कर रहे है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात कालिदास अकादमी उज्जैन में आयोजित यूनाइटेड कॉन्शसनेस कॉनक्लेव- 2025 में संबोधित करते हुए कही।