03-Mar-2025 02:24 PM
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नई दिल्ली, 03 मार्च (संवाददाता) नए ऑर्डर और उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी रहने से इस वर्ष फरवरी में देश का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) चौदह महीने के निचले स्तर 56.3 पर आ गया।
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया पीएमआई फरवरी में गिरकर 56.3 रह गया, जो जनवरी 2025 में 57.7 था। यह 14 महीनों में सबसे निचला स्तर है। आम तौर पर, 50 से ऊपर का पीएमआई गतिविधियों के विस्तार जबकि 50 से नीचे का गिरावट को दर्शाता है।
एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “हालांकि फरवरी में विनिर्माण पीएमआई 56.3 पर आ गया, जो पिछले महीने की तुलना में कम है लेकिन यह अभी भी मजबूती से बना हुआ है। वैश्विक मांग में मजबूती भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन देती रही, जिससे क्रय गतिविधि और रोजगार में वृद्धि हुई। व्यावसायिक उम्मीदें भी सकारात्मक बनी हुई हैं क्योंकि लगभग एक-तिहाई प्रतिभागियों को आने वाले वर्ष में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।”
एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा 400 विनिर्माताओं के एक पैनल के सर्वेक्षण से तैयार किया जाता है। यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों, बाजारों और नीति-निर्माताओं द्वारा बारीकी से देखा जाता है। फरवरी के आंकड़ों ने लगातार 40वें महीने नए व्यवसायों में वृद्धि को दिखाया, जिसे मजबूत ग्राहक मांग और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण प्रयासों से जोड़ा गया। हालांकि विकास की समग्र गति दिसंबर 2023 के बाद से सबसे धीमी रही, फिर भी यह अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर बनी रही।
इसके अलावा वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग बने रहने से नए निर्यात ऑर्डर में भी जोरदार वृद्धि देखी गई। हालांकि, यह विस्तार जनवरी के 14 साल के उच्चतम स्तर से कम था लेकिन फिर भी मजबूत बना रहा। नए ऑर्डर की बढ़ती संख्या के कारण विनिर्माताओं ने फरवरी में अपने कार्यबल में वृद्धि जारी रखी, जिससे रोजगार वृद्धि की वर्तमान अवधि एक वर्ष तक बढ़ गई।...////...