तिरुवनंतपुरम, 14 दिसंबर (संवाददाता) केरल अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) के 28वें संस्करण में खुले मंच में सोशल मीडिया समीक्षाओं को बहुमत से वोट मिलते देखा गया है।प्रतिभागी पैनलिस्टों ने फिल्म समीक्षा में सोशल मीडिया की अपरिहार्य भूमिका को स्वीकार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि समीक्षाएँ अक्सर मुख्य रूप से प्रमुख फिल्मों पर केंद्रित होती हैं।आईएफएफके जूरी सदस्य पियरे साइमन गुटमैन ने ओटीटी प्लेटफार्मों पर अच्छी फिल्मों की समीक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जूरी के एक अन्य सदस्य मेलिस बेहलिल ने बड़ी प्रस्तुतियों की आलोचना के बीच छोटी फिल्मों के लुप्त होने पर प्रकाश डाला। एन विद्याशंकर ने बताया कि सोशल मीडिया न केवल समीक्षाओं की मेजबानी करता है बल्कि उन चर्चाओं को भी सुविधाजनक बनाता है जहां विविध राय व्यक्त की जा सकती हैं।जी पी रामचंद्रन ने आकलन किया कि अब आम चलन फिल्म समीक्षा क्षेत्र की ओर लौटने का है। अश्वथी गोपालकृष्णन ने जोर देकर कहा कि फिल्म आलोचना सोशल मीडिया से अविभाज्य है, जो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।...////...