पिछली भाजपा सरकार के दौरान 2500 करोड़ का क्रिप्टोकरंसी घोटालाः सुक्खू
02-Dec-2023 07:20 PM 1505
शिमला, 02 दिसंबर (संवाददाता) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल में जेओए (आईटी) की भर्ती रुकी रही, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसके लिए निरंतर प्रयास किए। उन्होंने स्वयं इन मामलों की निगरानी की और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के हक में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि जल्द ही पोस्ट कोड 817 व 939 का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। श्री सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2500 करोड़ का क्रिप्टोकरंसी घोटाला, 100 करोड़ का माइनिंग घोटाला व पुलिस भर्ती घोटाला हुआ। इसके अलावा कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचे गए और आज भी भाजपा के नेता जनता को ठगने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चार साल तक पेपर बिकते रहे और पेपर खरीदने वालों को नौकरी मिलती रही, जबकि भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा राज्य चयन आयोग का गठन किया गया है, जिसमें पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल को फिर से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है तथा ऐसी योजनाएं शुरू करने जा रही है जिससे युवाओं को रोजगार, किसानों व महिलाओं को सम्मान सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में 10 हजार पद भरे जाएंगे। इसके साथ-साथ 7 हजार अध्यापक, 2 हजार वन मित्र तथा 1226 पद पुलिस में भरने जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में राज्य सरकार महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रही है। श्री सुक्खू ने कहा कि अच्छे शासन के लिए अच्छे प्रशासन का होना आवश्यक है। प्रथाओं को तोड़कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने टूटीकंडी बालिका आश्रम का दौरा किया। आवासियों की पीड़ा को समझा और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए देश का पहला कानून बनाया, जिसके तहत सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया, जिसके तहत उनकी पूरी देखभाल का जिम्मा राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत वर्तमान राज्य सरकार 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपए प्रति माह तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को चार हजार रुपए पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। उनकी शादी तथा स्टार्ट-अप के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी और तीन लाख रुपए आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक तंगहाली के बावजूद राज्य सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की, ताकि वे वृद्धावस्था में सम्मानजनक जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि मैं भी एक कर्मचारी बेटा हूं तथा मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ओपीएस लागू कर अपनी चुनावी गारंटी पूरी की है। इसके साथ ही शिक्षा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर व्यवस्था परिवर्तन किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों को भी सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दस में से तीन गारंटियों को पूरा कर दिया है। करीब 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का पहला चरण आरंभ कर दिया गया है। इसके तहत युवाओं को आय का साधन प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। वर्तमान राज्य सरकार 100 किलोवाट से लेकर 1 मैगावाट तक की सौर परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी की एक योजना जल्द ही शुरू करने जा रही है। किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, दूध का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए वर्तमान सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने युवाओं से इन योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष बरसात में भारी बारिश एवं भूस्खलन से आई आपदा से हिमाचल प्रदेश में 16 हजार घरों को नुकसान पहुंचा। लोगों के दर्द से वे वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद व नियमों में बदलाव कर राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज आपदा प्रभावितों को दिया। उन्होंने कहा कि इसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के लिए 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाते हुए 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर को आंशिक क्षति होने पर मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। इसके साथ-साथ बिजली व पानी का फ्री कनेक्शन तथा 280 रुपए प्रति बोरी की दर से सीमेंट उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से इस आपदा में आर्थिक मदद की उम्मीद थी लेकिन, वह पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में प्रदेश सरकार ने हिमाचल की इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाया तो भाजपा के विधायक आपदा में भी लोगों के साथ खड़े नहीं हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ राजनीति करती है जबकि वर्तमान राज्य सरकार लोगों की निस्वार्थ सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के तीन भाजपा सांसदों ने कभी भी केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की पैरवी नहीं की और वह सिर्फ चुनाव में वोट मांगने आएंगे। श्री सुक्खू ने श्रीनिवास रामानुजन स्टूडेंट डिजिटल योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2021-22 के लिए हिमाचल प्रदेश में 10वीं व 12वीं तथा कॉलेज स्तर के 25 मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए। जिला में कुल 10552 मेधावी विद्यार्थियों को इस वर्ष टैबलेट वितरित किये जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ के अंतर्गत 10 अनाथ बच्चों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।...////...
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