20-Sep-2021 12:54 PM
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गया । गया ऐतिहासिक एवं पौराणिक शहर है। इसे मोक्ष धाम भी कहा जाता है। क्योंकि पितरों की मोक्ष के लिए सबसे उत्तम स्थान गया को माना गया है। जहां प्रत्येक दिन अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदानी गया में आकर पिंडदान एवं तर्पण करते हैं। लेकिन पितृपक्ष में गया धाम का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है। जहां देश-विदेश से काफी संख्या में तीर्थयात्री गया आते हैं। 20 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। सरकारी घोषणाओं में मेला का आयोजन नहीं किया गया है। जबकि कर्मकांड को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। पितृपक्ष को देखते हुए कर्मकांड को लेकर पिंडदानी गया आना शुरू कर दिए है। ट्रेन के साथ-साथ बस एवं चार पहिया वाहन से आ रहे हैं। जहां सोमवार से को फल्गु नदी के पवित्र जल से तर्पण एवं पिंडदान करें। तीर्थयात्री शहर में स्थित होटल एवं धर्मशाला में अपना आवासन कर रहे हैं। साथ ही गयापाल पुरोहितों द्वारा उपलब्ध कराए हुए स्थानों पर जा रहे हैं। जहां एक दिन, तीन दिन, सात दिन, 15 एवं 17 दिन का कर्मकांड करेंगे।
पिंडदानियो ने गोदावरी सरोवर में किया तर्पण
15 दिन एवं 17 दिन के श्राद्ध कर्म करने वाले पिंडदानी चतुर्दशी तिथि से ही कर्मकांड प्रारंभ कर देते हैं। जो पिंडदानी पुनपुन नहीं जाते वे शहर में स्थित गोदावरी सरोवर के पवित्र जल से अपने पितृ को मोक्ष की कामना के लिए तर्पण करते हैं। इसी क्रम में रविवार को सरोवर के तट पर पिंडदानियों ने तर्पण किया। तर्पण को लेकर सुबह से ही पिंडदानी सरोवर के पास पहुंचने लगे थे। जहां सरोवर में स्नान कर वैदिक मंत्रो'चारण के साथ तर्पण किया। सोमवार से फल्गु से कर्मकांड प्रारंभ करेंगे।
Gayaji
Pilgrims..///..pilgrims-started-coming-to-gayaji-for-pitru-paksha-performed-tarpan-318378