07-Nov-2024 09:14 PM
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नयी दिल्ली 07 नवम्बर (संवाददाता) प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने बढ़ते वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे के समाधान के लिए गुरुवार को यहां हितधारकों की एक बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने प्रायद्वीपीय भारत में एयरशेड प्रबंधन की जांच के लिए पिछले वर्ष के शुरू में एक परियोजना शुरू की था जिसका उद्देश्य वायुमंडलीय प्रदूषण परिवहन तंत्र, उत्सर्जन प्रभाव आकलन और इस क्षेत्र में विशिष्ट जलवायु कारकों का अध्ययन करने के लिए बारीक ग्रिड उत्सर्जन डेटा और उन्नत जीआईएस-आधारित मॉडल को नियोजित करना है। इस परियोजना के माध्यम से वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए साक्ष्य-समर्थित, विज्ञान-आधारित संरचना के लिए आधार तैयार करने में मदद करना था।
प्रोफेसर सूद ने तेजी से बदलती जलवायु परिस्थितियों के संदर्भ में वायु गुणवत्ता में सुधार के महत्व पर प्रकाश डाला, और सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय स्थिरता के लिए इसके महत्वपूर्ण निहितार्थों को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वायु प्रदूषण एक बहुआयामी मुद्दा है जो कई कारकों से प्रभावित है। प्रो. सूद ने एक ऐसे दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जो इस जटिलता को दर्शाता है, जिसमें एक मजबूत, रणनीतिक प्रतिक्रिया के लिए व्यापक मौसम संबंधी प्रक्रियाओं, परिष्कृत उत्सर्जन सूची और विस्तृत एयरशेड मैपिंग को शामिल किया गया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बैठक का उद्देश्य हाल ही में किये गये अध्ययन के निष्कर्षों पर विचार-मंथन करना , अल्पकालिक और दीर्घकालिक समय-सीमा में प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण के लिए विज्ञान-आधारित रणनीतियों को शामिल करने के तरीकों पर चर्चा करना था।
राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेश नायक ने वायु गुणवत्ता चुनौतियों के समाधान के लिए परियोजना के माध्यम से उन्नत विज्ञान और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को एक व्यापक मंच में एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहा है जिसकी पहुंच नीति निर्माताओं और जनता दोनों तक होगी।...////...