10-Dec-2021 05:22 PM
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नयी दिल्ली 10 दिसंबर (AGENCY) कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने देश में जल, वायु और भूमि प्रदूषण की स्थिति का आकलन करने और इससे निपटने के लिए उपाय सुझाने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने का संकल्प शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया।
सुश्री याज्ञनिक ने सदन में यह संकल्प पेश करते हुए कहा कि प्रदूषण से संंबंधित सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाना चाहिए और देश में वायु, जल और भूमि प्रदूषण की मौजूदा स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए और इस समिति को एक निश्चित समय के भीतर रिपोर्ट देने को कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदूषण के कारणों का अलग-अलग विश्लेषण करना चाहिए और इन्हें नियंत्रित करने की कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून बनायें जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए। इसके अलावा रासानयिक कीटनाशकों के प्रयोग को हतोत्साहित करने की नीतियां बनानी चाहिए। किसानों को रासानयिक और कीटनाशकों का विकल्प देना चाहिए।
सुश्री याज्ञनिक ने विभिन्न रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा कि सबसे में वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब है और प्रतिवर्ष 10 लाख लोगों की इससे मृत्यु हो जाती है। देश के 22 सर्वाधिक आबादी वाले शहरों की वायु खतरनाक तत्वों की उपस्थिति है। देश का लगभग 80 प्रतिशत जल प्रदूषित है।
भारतीय जनता पार्टी के शिव प्रताप शुक्ला ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारतीय परंपरा में है। महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर जोर दिया जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है। उन्होंने संकल्प का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठा रही है। इनसे जल, वायु और भूमि संरक्षण में मदद मिलेगी।
बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरुरत है। इसके लिए सरकार को प्रयास करने होंगे और समाज को इसमें सहयोग करना होगा। प्रदूषण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नियामक व्यवस्था को मजबूत करना होगा। उन्होेंने संकल्प का समर्थन करते हुए कहा कि इसके लिए दीर्घकालिक रणनीति बनानी होगी।
समाजवादी पार्टी के विशंभर प्रसाद निषाद ने संकल्प का समर्थन करते कहा कि नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा है। मछलियां मर रही है। इसका असर मानव जीवन पर भी पड़ रहा है। वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ रहा है। उनकी फसलें बर्बाद हो रही है। कोरोना महामारी ने वायु की गुणवत्ता का रेखांकित किया है।...////...