प्रत्येक जनप्रतिनिधि राष्ट्र की आशाओं और आकांक्षाओं का रक्षक है: बिरला
09-Jan-2024 08:42 PM 5532
भोपाल, 09 जनवरी (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि राष्ट्र की आशाओं और आकांक्षाओं का रक्षक है। जनता अपने बेहतर भविष्य के लिए जनप्रतिनिधियों पर विश्वास करती है। श्री बिरला मध्यप्रदेश विधानसभा में विधानसभा सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित मंत्री उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानमंडल गंभीर बहस और चर्चा के महत्वपूर्ण मंच हैं, मतभेद होने पर सभा के कामकाज में बाधा नहीं आने देनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना प्रत्येक विधायक का दायित्व है कि विधायी संस्थाओं के समय का उपयोग सार्थक रूप से जनता के कल्याण के लिए हो। विधान मंडलों में अनुशासन और शालीनता की कमी और सदस्यों के अमर्यादित आचरण से विधानमंडल की गरिमा कम होती है, जिससे लोकतंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। श्री बिरला ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता से नवनिर्वाचित विधायकों को मिले जनादेश से उन्हें विशेष रूप से महिलाओं और कमजोर वर्गों की सामाजिक, आर्थिक प्रगति के लिए रचनात्मक प्रयास करने की जिम्मेदारी मिली है। विधायकों और जनप्रतिनिधियों के रूप में अपनी भूमिका के साथ पूर्ण न्याय करने के लिए विधायकगण को विधानसभा के नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने संसद को पेपरलेस बनाने की दिशा में की गई कार्रवाई का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत की संसद डिजिटलीकरण में विश्व में अग्रणी है। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री तोमर को धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने लोकसभा के प्रभावी संचालन से संसदीय परम्परा को समृद्ध बनाने के साथ-साथ लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया है, उन्हें लोक सभा में कई नए आयाम स्थापित करने का गौरव भी प्राप्त है। यह अपेक्षा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के गरिमावान सदस्यों से प्रदेश की विधानसभा की प्रतिष्ठा पूरे देश में बढ़ेगी। श्री तोमर ने कहा कि विधायकों के लिए आवश्यक है‍ कि अपनी बात रखते समय उनका जोश दिखे, परंतु क्रोध पूरी तरह से नियंत्रण में हो। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त प्लेटफार्म उपलब्ध है। प्रबोधन और प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम विधायकगण को विधानसभा की नियमावली, परम्पराओं, प्रचलित व्यवस्थाओं से परिचित कराने में प्रभावी सिद्ध होगा और यह कार्यक्रम विधायकों को पूरे कार्यकाल की लिए उपयोगी सिद्ध होगा। दायित्वों का निर्वहन करने और उत्कृष्ट जनप्रतिनिधि बनने में प्रशिक्षण का बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने विधायकगण को अपनी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विषयों के साथ-साथ क्षेत्र और प्रदेश के सम्पूर्ण विकास से जुड़े मुद्दों को व्यापकता के परिप्रेक्ष्य में देखते हुए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। श्री तोमर ने मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए ई-विधान प्रोजेक्ट स्वीकृत करने तथा विधायकों के आवास की व्यवस्था के लिए नया प्रोजेक्ट लेने का मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से अनुरोध‍ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी अतिथियों का अभिवादन और अभिनंदन करते हुए कहा कि विषय में रूचि उत्पन्न करना और विषय से एकाकार कराने का मार्ग प्रशस्त करना ही प्रबोधन का उद्देश्य है। उन्होंने व्याकरणाचार्य महर्षि पाणिनी का उद्धरण देते हुए कहा कि आशा है कि प्रबोधन कार्यक्रम के बाद विधानसभा विधायकगण का प्रशिक्षण भी आयोजित करेगी और विधानसभा के विभिन्न दायित्वों संबंधी कार्यप्रणाली से विधायकगण को अवगत कराएगी। विधायक साथियों को नए एमएलए रेस्ट हाउस की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी राज्य सरकार विचार करेगी। श्री यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा को आधुनिक संसाधनों के साथ आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव सहयोग और समर्थन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद भवन पर शीश झुकाकर लोकतंत्र के मंदिर के प्रति जो सम्मान प्रकट किया गया वह अनुकरणीय और अभिनंदनीय है। सांसद और विधायकगण अपने क्षेत्र की बड़ी जनसंख्या की आशाओं-अपेक्षाओं के साथ विधायिका में आते हैं। यहाँ विधानसभा के दायित्व के साथ-साथ अपने क्षेत्र और प्रदेश की बेहतरी की जिम्मेदारी भी हम पर होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में आने वाले सभी सदस्य देश और लोकतांत्रिक व्यवस्था को समृद्ध करने की भावना के साथ यहाँ आते हैं। विधानसभा का हर सत्र कुछ न कुछ नया सीखने और जीवन को नया आयाम देने का कार्य करता है। यह प्रबोधन सत्र सभी विधायकगण के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा, ऐसी मेरी कामना है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने समस्त अतिथिगण का स्वागत किया। लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने मुख्यमंत्री डॉ यादव सहित सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और भारत के संविधान की पुस्तक भेंट की। संसदीय कार्य मंत्री श्री विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह तथा लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय द्वारा लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राईड) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम में विधायकगण, संसदीय शिष्टाचार और आचरण, बजटीय प्रक्रियाएं और संसद/विधानमंडलों में वित्तीय कार्य, संसदीय विशेषाधिकार, प्रश्नकाल, अल्पकालीन चर्चा, स्थगन, ध्यानाकर्षण, अविलंबनीय लोक महत्व के मामलों की सूचनाओं का महत्व और उपयोग तथा संसदीय प्रणाली में समितियों की भूमिका और कार्यप्रणाली के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे।...////...
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