30-Jan-2024 10:11 PM
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नयी दिल्ली, 30 जनवरी (संवाददाता) केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय (आरसीएस) एवं कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंकों के कम्प्यूटरीकरण की योजना का शुभारंभ किया और कहा कि इससे सहकारिता क्षेत्र के काम-काज में पारदर्शिता आएगी, मानकीकरण होगा और किसानों को बड़ी आसानी होगी।
श्री शाह ने सहकारिता क्षेत्र पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि आधुनिकीकरण डिजिटलीकरण की मदद से मोदी सरकार ने प्राथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) से लेकर पूरे सहकारिता क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया है। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा और सचिव, सहकारिता मंत्रालय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से सहकारिता मंत्रालय आसानी से गांव-गांव तक पहुंचेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज आरसीएस कार्यालय के कंप्यूटरीकरण के होने के साथ ही इससे राज्यों की स्थानीय भाषाओं में संवाद हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि भारत का पूरा सहकारिता क्षेत्र डिजिटल की दुनिया में प्रवेश कर अपने विस्तार के लिए तैयार है तथा मोदी सरकार ने सहकारिता के माध्यम से करोड़ो लोगों को स्वरोजगार के साथ जोड़ने का एक मज़बूत तंत्र खड़ा किया है। सरकार ने डिजिटल इंडिया और सहकारिता से डाली समृद्ध ग्राम की नींव रखी है। उन्होंने कहा, ‘ कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंको (एआरडीबी) और प्रथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) मिलकर आधुनिक कृषि के लिए किसानों को मध्य और लंबी अवधि के ऋण उपलब्ध करा सकें, इस दिशा में काम किया जा रहा है।”
सहकारिता मंत्री ने कहा,“मोदी सरकार के 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और इन 10 साल में देश के गांव, गरीब और किसानों के लिए मोदी जी ने दो महत्वपूर्ण काम किए हैं। इस सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को उठाने के लिए अकल्पनीय सहायता की है, जिससे लगभग 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं।”
श्री अमित शाह ने कहा कि एआरडीबी के कंप्यूटराइजेशन से इनकी कार्यकुशलता में बहुत सुधार आएगा, एकाउंटिंग में एकरूपता आएगी और पारदर्शिता बढ़ने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि सरकार, नाबार्ड द्वारा सभी प्राइमरी कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर और रूरल डेवलपमेंट बैंक और स्टेट कोऑपरेटिव रूरल डेवलपमेंट बैंक को एक राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे सभी प्रकार के कृषि ऋण का लिंकेज मजबूत हो सकेगा।
श्री शाह ने कहा कि देश में कार्यरत कुल 1851 एआरडीबी की शाखाओं का कंप्यूटराइजेशन होने से इनसे जुड़े एक करोड़ 20 लाख किसानों को बहुत फायदा होगा।
सहकारिता मंत्रालय की यह पहल साझा लेखा-जोखा प्रणाली (सीएएस) और मैनेजमेंट इन्फार्मेंशन सिस्टम (एमआईएस) के माध्यम से व्यावसायिक प्रक्रियाओं का मानकीकरण कर के कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के परिचालन, दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने का काम करेगी।...////...